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Sharad Vs Ajit Pawar: एनसीपी पर कब्जे की जंग में चुनाव आयोग भी हुआ सक्रिय, शरद पवार से मांगे ये सबूत, अजित पहले ही दे चुके दस्तावेज

SHARAD PAWAR

नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस यानी एनसीपी पर कब्जे के लिए शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के बीच जारी जंग में अब चुनाव आयोग भी मैदान में आ गया है। चुनाव आयोग ने शरद पवार को नोटिस भेजकर पूछा है कि वो एनसीपी पर अपने हक संबंधी सबूत दें। इससे पहले अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग में 40 विधायकों, सांसदों और एमएलसी के दस्तखत वाले हलफनामे भेजकर एनसीपी को अपना बताया था। अजित पवार ने बैठक कर अपने साथ 32 विधायकों की संख्या भी सार्वजनिक की थी। अजित के साथ एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष में से एक प्रफुल्ल पटेल और शरद पवार के करीबी रहे छगन भुजबल भी हैं। अजित को महाराष्ट्र सरकार में डिप्टी सीएम और छगन भुजबल को मंत्री बनाया गया है। अन्य 7 लोग भी मंत्री बने हैं।

दूसरी तरफ शरद पवार ने भी अपने गुट की ताकत दिखाने के लिए बैठक की थी। इस बैठक में एनसीपी के 16 विधायक ही पहुंचे थे। इसके बाद भी शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग में चिट्ठी लिखकर दावा किया था कि एनसीपी उसकी है। अब चुनाव आयोग ने शरद पवार से अपने दावे के पक्ष में सबूत मांगे हैं। इससे आने वाले दिनों में एनसीपी पर कब्जे के लिए मची जंग के और रोचक होने के आसार हैं। अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल और छगन भुजबल इस बीच दो बार शरद पवार से मुलाकात भी कर चुके हैं।

तीनों ही नेताओं ने शरद पवार से आशीर्वाद देने की अपेक्षा की थी। अजित, प्रफुल्ल और भुजबल ने कहा था कि एनसीपी टूटी नहीं है। बस, शरद पवार को अध्यक्ष पद से हटाकर अजित पवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं, एनसीपी के शरद पवार गुट के साथ उनकी बेटी और सांसद सुप्रिया सुले भी हैं। सुप्रिया को भी शरद पवार ने प्रफुल्ल पटेल के साथ ही एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था।

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