News Room Post

Congress: चुनाव आयोग ने चलाया ‘चाबुक’, कमलनाथ का कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से नाम हटाया

Kamalnath Rahul

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव में पार्टियों का चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। वहीं एक खबर आ रही है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ पर चुनाव आयोग ने कार्रवाई की है। आयोग ने कमलनाथ का नाम कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से हटा दिया है। आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन पर चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ ये कार्रवाई की है। हालांकि, यह जरूर है कि कमलनाथ मध्य प्रदेश उपचुनाव में प्रचार कर सकेंगे, लेकिन खर्चा पार्टी नहीं प्रत्याशी देगा।

चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा कि कमलनाथ के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें लगातार आ रही थीं। भाजपा नेता इमरती देवी को आइटम बोलने के बाद कमलनाथ ने एक अन्य सभा में शिवराज सिंह को नौटंकी कलाकार भी कहा था। इमरती देवी पर किए गए कमेंट की वजह से कमलनाथ की जमकर किरकिरी हुई थी। उनकी पार्टी की तरफ से राहुल गांधी ने भी उनके इस बयान की निंदा की थी लेकिन फिर भी वह इस बयान पर माफी मांगने से इनकार कर रहे थे।

इस सब के बीच चुनाव आयोग ने अब मध्य प्रदेश के सीईओ की रिपोर्ट के आधार पर कमलनाथ को आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी माना है। चुनाव आयोग की तरफ से बार-बार दी गई चेतावनी के बावजूद अपना रूख ना बदलने की वजह से कमलनाथ के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए आदर्श आचार संहिता के अनुच्छेद एक और दो के तहत यह कार्रवाई की गई है।

बता दें कि चुनाव आयोग ने इससे पहले कमलनाथ को इमरती देवी के लिए दिए गए आइटम वाले बयान पर उनसे जवाब मांगा था। कमलनाथ ने कहा था कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया। वहीं, इमरती देवी के खिलाफ ‘आइटम’ शब्द का इस्तेमाल करने पर चुनाव आयोग ने कमलनाथ को नसीहत भी दी थी। इस बयान पर चुनाव आयोग ने कमलनाथ को नसीहत देते हुए कहा था कि चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने पर सार्वजनिक रूप से ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

चुनाव आयोग को दिए जवाब में कमलनाथ ने कहा कि अगर चुनाव आयोग मेरे पूरे भाषण को फिर से देखता है तो उसे समझ आ जाएगा कि कोई दुर्भावना नहीं थी। पूर्व सीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक निर्णयों में कई बार कहा है कि चुनावी सरगर्मी में कई बयान सामने आ चुके हैं। कमलनाथ ने कहा कि मेरा मकसद किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था। कमलनाथ के जबाव के बाद चुनाव आयोग ने उन्हें नसीहत दी कि सार्वजनिक तौर पर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

Exit mobile version