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Ghulam Nabi Azad: गुलाम नबी आजाद ने फिर साधा कांग्रेस पर निशाना, कह दी ऐसी बात कि…!

नई दिल्ली। जब से गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस को अलविदा कहकर खुद की पार्टी गठित की है, तब से वो किसी भी मसले पर अपनी राय जाहिर करने में गुरेज करते हैं, लेकिन जब कभी-भी वे किसी मसले पर अपनी राय जाहिर करते हैं, तो सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गुलजार होता है। इसी कड़ी में एक बार फिर से उन्होंने अपनी राय जाहिर की है। दरअसल, उन्होंने कांग्रेस को लेकर अपने विचार व्यक्त किए हैं। अपनी जिंदगी के 50 साल कांग्रेस पार्टी को देने वाले गुलाम नबी आजाद ने आखिर कांग्रेस के बारे में ऐसा क्या कह दिया जिसके बाद सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गुलजार हो गया। आगे हम आपको इसके बारे में सबकुछ विस्तार से बताएंगे, लेकिन आइए उससे पहले एक नजर कांग्रेस की मौजूदा दुर्गति पर डालते हैं।

कांग्रेस की बदहाली

आपको बता दें कि वर्तमान में कांग्रेस अपने वजूद के जंग से जूझ रही है। जहां एक तरफ मुख्तलिफ सूबों में पार्टी का जनाधार लगातार कम होता जा रहा है, तो वहीं राहुल गांधी की मोदी सरनेम को लेकर अपमानजनक टिप्पणी मामले में संसद की सदस्यता रद्द की जा चुकी है। अब ऐसे में पार्टी आगामी दिनों में क्या कुछ कदम उठाती है। इस पर तो सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन आइए उससे पहले जरा जान लेते हैं कि गुलाम नबी आजाद ने क्या कहा है।

क्या बोले गुलाम नबी आजाद

दरअसल, गुलाम नबी आजाद ने अपने बयान के जरिए कांग्रेस को आईना दिखाया गया। उन्होंने अपने बयान में कांग्रेस के गिरते स्तर और घटते प्रभाव का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि नेहरू जी, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी इस आघात को सहन कर सकते थे, उनमें सहनशक्ति थी, उन्हें जनता का समर्थन और सम्मान था और समय के साथ अपने काम से वे पलट सकते थे। वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व का लोगों पर कोई प्रभाव नहीं है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि जब उन्होंने कांग्रेस को लेकर इस तरह की आलोचनात्मक टिप्पणी की हो, बल्कि इससे पहले भी वे इस तरह के अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में आ चुके हैं।

क्यों दिया था गुलाम ने इस्तीफा?

ध्यान दें कि गत वर्ष गुलाम नबी ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने राहुल गांधी को पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने शीर्ष नेतृत्व द्वारा वरिष्ठ नेताओं को उपेक्षित किए जाने का आरोप लगाया था। उन्होंने अपने पत्र में कहा था कि कांग्रेस में वरिष्ठ नेताओं का सम्मान नहीं हो रहा है। वरिष्ठ नेताओं को लगातार उपेक्षित किया जा रहा है। गुलाम ने अपने पत्र में इंदिरा गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक के साथ अपने अनुभवों को साझा किया था।

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