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सीमा विवाद के बीच भारतीय सेना एलएसी समेत पश्चिमी मोर्चे पर हुई सतर्क

नई दिल्ली। वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव जारी है। वहीं पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना पश्चिमी मोर्चे पर भी सतर्क है ताकि दोतरफा संघर्ष को रोका जा सके। अधिकारियों और चीन पर नजर रखने वाले लोगों ने यह जानकारी दी।

भारतीय सेना किसी भी खतरे से निपटने के लिए तैयार

खबरों की माने तो चीन और पाकिस्तान मिलकर खतरा पैदा कर सकते हैं। भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ने 2014 में समिति को बताया कि यदि चीन भारत के खिलाफ आक्रामक अभियान शुरू करता है तो पाकिस्तान की तरफ से शत्रुता बढ़ने की संभावना है। अधिकारी ने हालांकि कहा कि यदि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता है तो चीन भारत के लिए किसी भी तरह का खतरा पैदा नहीं करेगा। इस क्षेत्र में हाल की सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने वाले अधिकारियों ने भारत के दो मोर्चों पर युद्ध में शामिल होने की संभावना को बढ़ा दिया है। लेकिन उनका कहना है कि सशस्त्र बल किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए तैयार हैं।

वहीं इस मामले पर उत्तरी सेना के एक पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने बताया, ”तीन परमाणु हथियार संपन्न देश एक ही समय में युद्ध में नहीं जा सकते हैं। लेकिन चीन और पाकिस्तान के बीच गहरे सैन्य संबंध हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि दोतरफा खतरे की संभावना कितनी दूर है, भारतीय सशस्त्र बलों को किसी भी घटना के लिए तैयार रहना चाहिए।”

इसके अलावा एक अधिकारी ने बताया, ”दोतरफा युद्ध की कोई संभावना नहीं है। लेकिन हमें चीन और पाकिस्तान के संयुक्त खतरे से निपटने के लिए सैन्य रूप से तैयार रहना होगा।” भारतीय सेना ने चीन और पाकिस्तान के खतरे का वर्णन ‘कंटीनजेंसी-3’ के रूप में किया है। अन्य अधिकारी ने कहा कि कंटीनजेंसी-1 और 2 का मतलब दोनों देशों के अलग-अलग खतरे से है।

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