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Mayawati: देश का नाम बदलने को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच सामने आया मायावती का पहला बयान, जानिए क्या कहा

नई दिल्ली। इस वक्त देश भर में ‘इंडिया’ बनाम ‘भारत’ की जंग छिड़ी हुई है। संभावित नाम परिवर्तन को लेकर चल रही चर्चा में एक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की नेता और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस मामले पर अपने विचार व्यक्त किए हैं।मायावती ने कहा है कि इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और विपक्ष के बीच असामान्य तालमेल है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी अपनी पार्टी बसपा इस प्रस्ताव का समर्थन नहीं करती है।

 

मायावती ने हाल ही में बने “INDIA” गठबंधन पर भी सवाल उठाया और सुझाव दिया कि विपक्ष ने भाजपा को एक मौका दिया है। उन्होंने इस गठबंधन के समय और उद्देश्य के बारे में चिंता जताई और संकेत दिया कि इसने अधिक दबाव वाले और महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटका दिया है। बसपा नेता ने आगे बताया कि एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) और “इंडिया” गठबंधन दोनों पर उनकी पार्टी का रुख भारतीय आबादी के दीर्घकालिक कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता से प्रेरित है। वो किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं।

मायावती ने तर्क दिया कि देश के नाम पर संकीर्ण और विवादास्पद राजनीति में शामिल होने की मौजूदा प्रवृत्ति हानिकारक है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप करने और मामले का संज्ञान लेने का आग्रह किया। उनके प्रस्ताव में सुझाव दिया गया है कि देश का नाम बदलने की कोशिश करने वाले संगठनों पर लगाम लगाई जानी चाहिए, क्योंकि ऐसी कार्रवाइयां संभावित रूप से भारत की प्रतिष्ठा और राष्ट्रीय गौरव को नुकसान पहुंचा सकती हैं। अपनी चिंता व्यक्त करते हुए, मायावती ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के नाम पर ओछी राजनीति में शामिल होने से किसी भी पार्टी को, चाहे वह विपक्ष में हो या सत्ता में, संविधान में निहित सिद्धांतों का उल्लंघन करने का अवसर मिल सकता है। उनका मानना है कि यह एक जोखिम है जिसे कम किया जाना चाहिए।

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