नई दिल्ली। टेरर फंडिंग और देशविरोधी गतिविधियों के कैंप लगाने के मामले में कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया PFI के 11 राज्यों में 110 ठिकानों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA, प्रवर्तन निदेशालय ED और स्थानीय पुलिस के छापों में अब तक संगठन के 106 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार होने वाले पीएफआई के सबसे ज्यादा नेता और सदस्य केरल से हैं। केरल से इस संगठन के 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दूसरे नंबर पर कर्नाटक और महाराष्ट्र हैं। दोनों जगह से 20-20 पीएफआई नेता और सदस्य पकड़े गए हैं। इसके अलावा तमिलनाडु से 10, असम से 9, यूपी से 8, मध्यप्रदेश से 4, दिल्ली और पुदुचेरी से 3-3 और राजस्थान से 2 लोगों को जांच एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में पीएफआई का राष्ट्रीय अध्यक्ष ओएमएस सलाम और दिल्ली की इकाई का अध्यक्ष परवेज अहमद भी हैं। वहीं, यूपी एटीएस ने लखनऊ के पड़ोसी बाराबंकी जिले के बोरहार गांव से पीएफआई के कोषाध्यक्ष नदीम को पकड़ा है।
बता दें कि एनआईए ने ईडी और 11 राज्यों की स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर बुधवार देर रात से पीएफआई के खिलाफ बड़ी छापेमारी शुरू की थी। हर जगह एक साथ छापे मारकर इस कट्टरपंथी संगठन की टेरर फंडिंग और कैंप लगाने के मामलों के सबूत जुटाए जा रहे हैं। छापों में तमाम दस्तावेज बरामद होने की खबर सूत्रों के हवाले से मिली है। बिहार में कुछ दिन पहले पीएफआई के दो सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद से संगठन के खतरनाक इरादों का पता चला था।
बिहार से जो दो लोग गिरफ्तार हुए थे, उनके पास से पीएफआई के तमाम देशविरोधी गतिविधियों वाले दस्तावेज भी बरामद किए गए थे। इन दस्तावेजों से पता चला था कि संगठन को बाहर से धन मिलता है। ये संगठन देशविरोधी गतिविधियों के लिए कैंप भी लगाता रहा है। इसके अलावा पीएफआई का इरादा साल 2047 यानी भारत की आजादी की 100वीं सालगिरह तक उसे इस्लामी राष्ट्र बनाने का भी है। इन सनसनीखेज खुलासों के बाद ही केंद्रीय जांच एजेंसियां सक्रिय होकर इस संगठन पर कार्रवाई कर रही हैं। पीएफआई का नाम इससे पहले सीएए विरोधी दिल्ली दंगों में भी आया था।