मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में महाविकास अघाड़ी को जोरदार झटका लगा। एक तरफ सत्ता तो नहीं ही मिली और अब हालत ये कि महाराष्ट्र विधानसभा में महाविकास अघाड़ी में शामिल कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना या शरद पवार की एनसीपी में से किसी को भी नेता विपक्ष का दर्जा तक नहीं मिलेगा। महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष का पद पाने के लिए कुल 288 सीटों में से 29 पर जीत दर्ज करना जरूरी है, लेकिन महाविकास अघाड़ी में उद्धव ठाकरे की शिवसेना-यूबीटी के सिर्फ 20 उम्मीदवार हैं। कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी उससे भी पीछे रह गए हैं। महाराष्ट्र में कांग्रेस के 16 विधायक जीते हैं, तो शरद पवार के सिर्फ 10 ही विधायक चुने गए हैं।
महाराष्ट्र में बीजेपी नीत महायुति एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है। महायुति गठबंधन को 288 में से 234 सीटों पर जीत हासिल हुई है। एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 57 सीटों पर जीत दर्ज की है और उनकी पार्टी की इस संख्या से भी महाविकास अघाड़ी के दलों के विधायकों की संख्या कम है। वहीं, महायुति में बीजेपी ने पिछली बार के मुकाबले शानदार प्रदर्शन किया है। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 105 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार बीजेपी ने 132 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, अजित पवार की एनसीपी को 41 सीट मिली हैं। ये जबरदस्त नतीजा लाकर महायुति ने राजनीति के जानकारों को चौंका दिया है।
महाराष्ट्र की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर तक है। माना जा रहा है कि मंगलवार तक महाराष्ट्र के नए सीएम का नाम बीजेपी के नेतृत्व में महायुति तय कर लेगी। बीजेपी का इस बार शानदार प्रदर्शन रहा है और माना जा रहा है कि उसकी तरफ से देवेंद्र फडणवीस सीएम बन सकते हैं। देवेंद्र फडणवीस पहले भी महाराष्ट्र के सीएम रह चुके हैं। हालांकि, महाविकास अघाड़ी को अपने दम पर नेस्तनाबूद करने वाले एकनाथ शिंदे का भी महाराष्ट्र के सीएम पद के लिए दावा बनता है। अब देखना है कि क्या बीजेपी एक बार फिर उनको सीएम का पद सौंपकर चौंकाती है या नहीं।