नई दिल्ली। गोवा से पहले जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने शनिवार को कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव शांतिपूर्वक कराने में सफलता मिली, जबकि पाकिस्तान के दबाव में केंद्र शासित प्रदेश के बड़े नेताओं ने सहयोग नहीं किया। सत्यपाल मलिक अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के गवर्नर रहे और इसके बाद उन्होंने गोवा में यह पद संभाला।
सत्यपाल मलिक ने कहा, ”प्रधानमंत्री ने कहा था कि हम जम्मू और कश्मीर में पंचायत चुनाव कराएंगे। मैंने प्रोटोकॉल तोड़ा और उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के घर गया। उन्होंने पाकिस्तान के दबाव में हिस्सा (पंचायत चुनाव में) लेने से इनकार कर दिया। आतंकवादियों ने धमकी भी दी थी, लेकिन चुनाव सफलतापूर्वक हुए। हुर्रियत ने बहिष्कार की घोषणा की, लेकिन कुछ जगहों को छोड़कर रिकॉर्ड वोटिंग के साथ चुनाव संपन्न हुए और चुनाव में कहीं भी हिंसा नहीं हुई।”
उन्होंने यह भी कहा कि तब प्रशासन इसलिए ऐसा कर पाया क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश के लोगों ने सिस्टम को स्वीकार किया था, क्योंकि उन्हें इससे फायदा मिल रहा था। मलिक ने कहा, ”हमने एक जांच कराई तो पता चला कि राज्य में 50 हजार सरकारी पद खाली हैं। हमने घोषणा की कि 50 हजार कश्मीरी युवाओं को नौकरी देंगे। मुझे उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इन्हें लोगों को देगी।”
जम्मू-कश्मीर में अपने कार्यकाल को लेकर उन्होंने कहा, जब मैं जम्मू-कश्मीर का गवर्नर था तो मैंने राजभवन सबके लिए खोल दिया। मेरे सभी सलाहकारों को सप्ताह में एक दिन लोगों की समस्याएं सुनने का काम दिया गया था। मेरे दफ्तर को 95 हजार शिकायतें मिली थीं।
सत्यपाल मलिक के बयान पर भड़क उठे उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को पूर्व राज्य राज्यपाल सत्यपाल मलिक की एक टिप्पणी पर कड़ा विरोध जताया। मलिक ने नेकां और पीडीपी पर पाकिस्तान के दबाव में होने का आरोप लगाया गया है। इसके बाद उमर ने मलिक को ‘एकमुश्त झूठा’ कहा है।
Only naam ka satya not kaam ka. He never tires of lying. Lied to people of J&K before 5th August & lying now. Hiding behind walls of Raj Bhavan protected from defamation suits so feels emboldened to shoot his mouth off. Let him say all this when he is no longer governor & see. https://t.co/q25xR1526V
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) May 23, 2020
Ordinarily I wouldn’t have replied to his nonsensical drivel but then some people start believing he’s telling the truth, I learnt that the hard way with his rubbish, so now I don’t take any of his lies lying down.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) May 23, 2020
प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, उमर ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा, “केवल नाम का सत्य है, काम का नहीं। वह झूठ बोलने से कभी नहीं थकते। 5 अगस्त से पहले जम्मू-कश्मीर के लोगों से झूठ बोला और अब भी झूठ बोल रहे हैं। राजभवन की दीवारों के पीछे छिपना उन्हें बदनामी से बचाता है। ऐसा लगता है कि अपना मुंह बंद करने के लिए वह शर्मिदा हैं। उन्हें अब सब कहने दें जब वह राज्यपाल नहीं है और देखें।”