नई दिल्ली। आप नेता व उर्जा मंत्री आतिशी ने ऐलान किया है कि आज से दिल्ली में सब्सिडी वाली बिलजी की आपूर्ति को बंद कर दिया जाएगा। आप के इस ऐलान के बाद दिल्लीवासियों को झटका लगा है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से सब्सिडी वाली बिजली को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। उधर, आतिशी ने इस फैसले के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि निकट भविष्य में दिल्लीवासियों को बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए उक्त फैसला किया गया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि वो फाइल उपराज्यपाल के पास है, जिसमें सब्सिडी वाली बिजली का जिक्र किया गया और जब तक उपराज्यपाल की तरफ से उस फाइल को मंजूरी नहीं दे दी जाती है, तब तक यह सिलसिला जारी रहेगा। बता दें कि सब्सिडी वाली बिजली को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच पिछले कई दिनों से रार-प्रतिवार का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।
#WATCH | From today, the subsidized electricity given to the people of Delhi will be stopped. This means from tomorrow, the subsidized bills will not be given. This subsidy is stopped because AAP govt has taken the decision to continue subsidy for the coming year, but that file… pic.twitter.com/lYZ3lJ0Od7
— ANI (@ANI) April 14, 2023
उपराज्यपाल ने दी सफाई
वहीं, इस मामले पर उपराज्यपाल ने भी बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि बिजली मंत्री आतिशी को सलाह दी जाती है कि वो बिजली पर बेफिजूल की राजनीति करके अपना और दिल्लीवासियों का समय जाया ना करें। जिस तरह के बेबुनियादी आरोप बिजली को लेकर लगाए जा रहे हैं, वह निंदनीय है। वहीं, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को इस पूरे मसले पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर उन्होंने कि इस संबंध में फैसला 4 अप्रैल तक लंबित क्यों रखा? जबकि समय सीमा 15 अप्रैल थी? एलजी को 11 अप्रैल को ही क्यों भेजी गई फाइल? और इस पर प्रेस कांफ्रेंस करने की नौटंकी क्यों की ?
300 करोड़ रुपए का नुकसान
बता दें कि बीते दिनों इस संदर्भ में मुख्य सचिव ने इस मामले में दिल्ली सरकार को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि डीईआरसी के निर्देशों का पालन नहीं करने पर प्रतिवर्ष दिल्ली सरकार को 300 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। सरकार को इस पूरे मसले पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया। ध्यान रहे कि इस पूरे मसले को लेकर बीते दिनों सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच रार-प्रतिवार का सिलसिला देखने को मिल रहा है। बहरहाल, अब यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।