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Politics: ईडी निदेशक के कार्यकाल विस्तार को लेकर केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने दिया झटका, तो क्या बोला विपक्ष?

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को मंगलवार (11 जुलाई) तब बड़ा झटका लगा जब ईडी के चीफ संजय कुमार मिश्रा के तीसरे सेवा विस्तार को अवैध करार दे दिया गया। इसपर विपक्ष केंद्र पर तंज कसने से पीछे कैसे हट जाता, और हो भी वैसा ही रहा है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस मामले पर केंद्र सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि ईडी चीफ के तीसरी बार सेवा विस्तार को लेकर केंद्र सरकार प्रयास कर रही थी लेकिन कोर्ट ने उन्हें 31 जुलाई तक पद से हटने को आदेश दिया है।

आपको बता दें कि इस पूरे मामले को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर हमला किया। कांग्रेस की ओर से पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, ”यह सरकार के चहरे पर जोरदार तमाचा है। उच्चतम न्यायालय के फैसले से विस्तार देने के उद्देश्य पर प्रश्न चिह्न लग गया है। यह उनकी (केंद्र सरकार) की ओर बड़ी ही असफलता की निशानी है।”

गौर करने वाली बात ये है कि एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए दिल्ली सरकार में मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि संजय कुमार मिश्रा के तीन सेवा विस्तार से पता लगता है कि वो बीजेपी की राजनीतिक रूप से मदद कर रहे थे। इसके आलावा इस मामले पर बिहार से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के नेता नीरज कुमार ने कहा कि ईडी का राजनीतिक इस्तेमाल बीजेपी ने किया। अपने यहां के आर्थिक महापापी को संरक्षण देने का काम किया। ऐसे में सु्प्रीम कोर्ट का निर्णय स्वागत योग्य है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी के किसी बड़े नेता की इस मामले पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

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