नई दिल्ली। शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे 7 मार्च को अयोध्या जाएंगे। उनके अयोध्या दौरे का कार्यक्रम घोषित हो गया है। वे अयोध्या में सरयू की आरती करेंगे और रामलला का दर्शन करेंगे। शिवसेना ने कहा है कि है हम इसमे राजनीति को नही लाना चाहते। ये हमारी आस्था का विषय है। शिवसेना के मुताबिक इस मौके पर देश और महाराष्ट्र से शिवसैनिक अयोध्या जाएंगे।
इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने ऐलान किया था कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महा विकास अघाड़ी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर भगवान राम के दर्शन करने अयोध्या जाएंगे। राउत ने यह भी कहा था कि हम चाहते हैं कि हमारे गठबंधन के नेताओं को भी साथ आना चाहिए। राहुल गांधी कई मंदिरों में भी जाते हैं। मगर शिवसेना के इस न्योते पर गठबंधन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
वहीं बीजेपी ने उद्धव ठाकरे के इस फैसले का स्वागत किया। मगर साथ ही सवाल भी खड़े किए कि इसका गठबंधन के दूसरे दलों पर क्या असर होगा? बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने ट्वीट कर कहा कि वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस फैसले का स्वागत करती हैं। मीनाक्षी ने कहा अच्छा है कि अपने इतिहास पर गर्व कर रहे हैं और अयोध्या जा रहे हैं, लेकिन जब वापस महाराष्ट्र जाएंगे तो उन्हें अपनी शक्ल कैसे दिखायेंगे जो श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल उठाते हैं?
दरअसल शिवसेना अपने गठबंधन के चक्कर में फंस चुकी है। गठबंधन में शामिल कांग्रेस और एनसीपी जैसे दल सेकुलरिज्म के नाम पर हिंदू धर्म के प्रतीकों से दूरी बनाते आए हैं। यही वजह है कि गांधी परिवार का कोई भी नेता रामलला के दर्शन करने नहीं पहुंचा। ऐसे में उद्धव के इस कदम ने सेक्युलर खेमे में बेचैनी बढ़ा दी है।