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शाहीन बाग में बढ़ी हलचल, सड़क खाली कराने पहुंचे लोग, लगाए ‘खाली करो’ के नारे

नई दिल्ली। शाहीन बाग में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शाहीन बाग में दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाली सड़क पर सीएए के खिलाफ लगभग 50 दिनों से प्रदर्शन चल रहा है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व एनआरसी के विरोध में कई दिनों से चल रहा धरना प्रदर्शन रविवार को और बढ़ गया। यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं। इन लोगों की मांग है कि धरना जल्दी से जल्दी खत्म कर सड़क खुलवाई जाए। धरना स्थल से 200 मीटर की दूरी पर लोग डट गए हैं। इन लोगों का कहना है कि हमें प्रदर्शन से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन सड़क खाली होनी चाहिए। चाहें तो ये लोग रामलीला मैदान, जंतर मंतर या कहीं और प्रदर्शन करें। प्रदर्शनकारियों के सामने प्रदर्शन होने से वहां हल्का तनाव हो गया है। हालांकि पुलिस बलों की संख्या बढ़ाई गई है। कई बसों में भरकर लोगों को पुलिस धरना स्थल से दूर ले जा रही है।Shaheen Bagh Against Protest

इससे पहले शाहीन बाग में चल रहे धरने के विरोध में भी शनिवार को स्थानीय लोग धरने पर बैठ गए थे। वे प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग कर रहे थे। यहां एक हफ्ते से यह धरना चल रहा है। हालांकि शाहीन बाग धरने के विरोध में धरने पर बैठे लोगों को पुलिस बार-बार हटा दे रही है।


आपको बता दें कि आज यहां पर कई हिन्दू संगठनों को प्रदर्शन करना था। लेकिन पुलिस ने इजाजत नहीं दी थी, इसके बाद इन्होंने अपना प्रदर्शन रद्द कर दिया था। इसके बाद अचानक शाहीन बाग के सामने की झुग्गियों से 100 से 150 लोग वहां पर आ गए और सड़क खुलवाने की मांग करने लगे। पुलिस के मुताबिक यहां पर भीड़ बढ़ती गई और कुछ ही देर में महिलाएं भी आ गई। पुलिस इन लोगों को समझाने की कोशिश करती रही लेकिन ये नहीं माने। ये लोग सड़क पर बैठ गए और शाहीन बाग खाली करो के नारे लगाने लगे। इनमें से कुछ लोगों ने वंदे मातरम और देश के गद्दारों को…गोली मारो…जैसे नारे लगाए। पुलिस के कहने पर जब ये लोग नहीं माने तो इन्हें बसों में भरकर ले जाया जाने लगा।

शनिवार को भी झारखंड से आए संतन सिंह 30-40 लोगों के साथ धरने पर बैठे थे। धरना स्थल की बैरिकेड के पास जसोला रेडलाइट पर धरना देने वालों में स्थानीय लोग भी शामिल थे। धरने पर बैठे लोगों का कहना था कि वे लोग नौकरीपेशा हैं और शाहीन बाग धरने के कारण उन्हें अपने काम पर आने-जाने में परेशानी होती है। ज्यादा किराया व ईंधन के साथ ही अधिक समय भी लगता है। कोई बीमार हो जाए तो मरीज को अस्पताल भी नहीं पहुंचाया जा सकता है। ऐसे में गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति की मौत तक हो सकती है।

आपको बता दें कि पहले शाहीन बाग के लोगों ने एक तरफ की सड़क खोलने की बात की थी मगर अब वह भी नहीं हो रहा है। जानकारी के मुताबिक प्रदर्शनकारियों में से कुछ लोग वहां से हटने को तैयार हैं। लेकिन, प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किसी एक नेता व संगठन के पास न होने के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा।

उधर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों को ललकारा है। उन्होंने कहा है कि यूपी में ऐसे लोगों के साथ सख्ती से निपटा जा रहा है।

प्रदर्शनस्थल पर छात्र लोगों से सीएए व एनआरसी के विरोध में पोस्टकार्ड भरवा रहे हैं। इसे शीर्ष अदालत में रजिट्रार के नाम भेजा जाएगा। शाहीन बाग में जमिया, जेएनयू के छात्र, प्रोफेसर समेत दिल्ली-एनसीआर से लोग प्रदर्शन स्थल पर पहुंच रहे हैं। छात्र जगह-जगह बैठकर नारेबाजी कर रहे हैं।

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