नई दिल्ली। गुजरात चुनाव में एक बार फिर से बाजी मारते हुए भाजपा ने अपने 27 साल के रिकॉर्ड को ना महज बरकरार रखा, बल्कि कांग्रेस और आम आम आदमी पार्टी सरीखे दलों को आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी कड़ा संदेश दे डाला। उधर, हिमाचल में मिली जीत से कांग्रेस को ज्यादा इतराने की दरकार नहीं है, क्योंकि वहां हमेशा ही सत्ता परिवर्तन की रवायत रही है और इस बार भी चुनाव में सूबे की जनता ने ये रवायत बनाए रखी। गुजरात में बीजेपी के अकल्पनीय प्रदर्शन के खुद प्रधानमंत्री भी मुरीद हो चुके हैं। इसी बीच आज भूपेंद्र पटेल ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। दूसरी बार इसलिए क्योंकि विजय रूपाणी के इस्ताफा देने के बाद शीर्ष नेतृत्व ने भूपेंद्र के कांधों पर ही मुख्यमंत्री की कमान सौंपी थी।
Bhupendra Patel takes oath as 18th Chief Minister of Gujarat
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इस बीच अपने कार्यकाल के दौरान भूपेंद्र ने ना महज प्रदेश के विकास के लिए काम किया, बल्कि संगठन को भी मजबूत करने की दिशा में कई बड़े कदम उठाए, जिसे ध्यान में रखते हुए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इस बार भी भूपेंद्र पटेल को ही प्रदेश की बागडोर सौंपने का फैसला किया है। बता दें, आज भूपेंद्र पटेल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। वे प्रदेश के 18वें नंबर के मुख्यमंत्री हैं। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। आठ दिसंबर को नतीजे आने के बाद भूपेंद्र पटेल के नाम पर समहति व्यक्त कर दी गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद उनके नाम पर सहमति व्यक्त की थी।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi greets the gathering and bows before them at the swearing-in ceremony of Gujarat CM Bhupendra Patel and his cabinet ministers in Gandhinagar.
BJP registered a landslide victory in the state election, winning 156 of the 182 seats. pic.twitter.com/9cnW5bmuLK
— ANI (@ANI) December 12, 2022
आखिर कौन हैं भूपेंद्र पटेल
आपको बता दें, 15 जुलाई 1962 को भूपेंद्र पटेल का जन्म अहमदाबाद में हुआ था। वे पहले पेशे से इंजीनियर हुआ करते थे। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बतौर पार्षद की थी। भूपेंद्र को लोग प्यार से दादा भी कहते हैं। भूपेंद्र के पिता का नाम रजनीकांत पटेल है। उनके बेटे का नाम अनुज पटेल है। भूपेंद्र पटेल ने गुजरात में जारी पाटीदार आंदोलन को खत्म करने की दिशा में अद्भुत कदम उठाया था। भूपेंद्र पाटीदार संगठनों के मुखिया भी रह चुके हैं।
BJP’s Bhupendra Patel took oath as the CM of Gujarat, along with his cabinet ministers, in Gandhinagar today.
PM Narendra Modi, HM Amit Shah, Defence Minister Rajnath Singh, BJP chief JP Nadda & BJP CMs including UP CM Yogi Adityanath and MP CM SS Chouhan attended the event. pic.twitter.com/XqbZWuLCKR
— ANI (@ANI) December 12, 2022
कैसे हुई राजनीति में एंट्री
उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से की थी। इसके बाद उन्होंने पार्षद का चुनाव लड़ा। साल 1995 में वह अहमदाबाद के मेमनानगर नगर पालिका के पहली बार सदस्य चुने गए। इसके बाद 1999 और फिर 2004 में भी इसके सदस्य रहे। 1999 से 2004 तक वह नगर पालिका के अध्यक्ष भी रहे। इससे पहले 2008 से 2010 अहमदाबा निगम के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। 2015 से 2017 तक अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण के अध्य़क्ष पद भी काबिज रह चुके हैं।
कब बने पहली बार विधायक
बता दें, 2017 के विधानसभा चुनाव में भूपेद्र पटेल घाटलोडिया से विधायक बने थे। हालांकि, गत विधानसभा में ही उनके मुख्यमंत्री बनने की चर्चा जोरों पर थी, लेकिन विजय रुपाणी के नाम मुहर लगी। इसके साथ ही इस बार के विधानसभा चुनाव में भूपेंद्र पटेल ने भारी मतों से जीत हासिल की है। पटेल ने 1 लाख 92 हजार मतों से जीत हासिल कर पीएम मोदी का भी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया।
ध्यान रहे, पीएम मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आनंदीबेन पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया था। इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद विजयी रुपाणी को मुख्यमंत्री के पद से वशीभूत किया गया था। लेकिन, वे ज्यादा दिनों तक इस पद पर काबिज नहीं रहें। विजयी रूपाणी के बाद भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान किया गया था। बहरहाल, अब पटेल की अगुवाई में गुजरात की राजनीति में क्या कुछ परिवर्तन देखने को मिलता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।