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Jolt To Pakistan: पाक ने अमेरिका के राजनयिक को किया तलब तो मिला फिर झटका, बाइडेन सरकार बोली- आतंकियों का मसला उठाते रहेंगे

Pakistan Prime Minister Shehbaz Sharif

वॉशिंगटन। पीएम नरेंद्र मोदी के हाल के अमेरिका दौरे के वक्त भारत और अमेरिका ने साझा बयान जारी किया था। इस बयान में पाकिस्तान से जारी सीमा पार आतंकवाद के मसले पर चिंता जताई गई थी। साथ ही 2008 में मुंबई पर हुए आतंकी हमले के गुनहगारों को सजा दिलाने की मांग भी भारत-अमेरिका के साझा बयान में की गई थी। इस पर पाकिस्तान ने सोमवार को अमेरिका के राजनयिक को विदेश विभाग में तलब कर आपत्ति जताई थी। पाकिस्तान का कहना था कि वो खुद आतंकवाद से पीड़ित है और उसे ही जिम्मेदार ठहराने की कोशिश हो रही है। इस पर अमेरिका ने एक बार फिर पाकिस्तान को झटका दिया है।

अमेरिका की सरकार के प्रवक्ता ने पाकिस्तान की तरफ से अपने यहां के राजनयिक को तलब किए जाने के सवाल पर कहा कि हम पाकिस्तान के साथ हमेशा आतंकवाद का मसला उठाते रहेंगे। अमेरिका ने एक बार फिर कहा कि पाकिस्तान को अपने यहां पनपने वाले लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद समेत इनसे जुड़े आतंकी संगठनों के खिलाफ कदम उठाना चाहिए। अमेरिका की बाइडेन सरकार ने ये भी साफ कर दिया कि वो भारत के साथ जारी साझा बयान के पक्ष में खड़ी है। पाकिस्तान को इस तरह अमेरिका ने साफ संकेत दे दिए हैं कि आतंकवाद के खिलाफ उसे कार्रवाई करनी ही होगी और भारत में सीमापार आतंकवाद फैलाने का उसका कदम अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

पाकिस्तान दरअसल, भारत में लगातार आतंकवाद फैलाता रहता है। खासकर जम्मू-कश्मीर में उसके पाले आतंकी संगठनों ने काफी खून बहाया है। पिछले कुछ समय से पाकिस्तान एक बार फिर पंजाब में भी खालिस्तान के नाम पर आतंकवाद फैलाने की कोशिश में जुटा है। ऐसे में अमेरिका की तरफ से उसे कड़ा संदेश दिया गया है कि हर हाल में वो आतंकवाद की गतिविधियां रोके। पाकिस्तान के तमाम आतंकियों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रतिबंधित भी किया है। कुछ अन्य पर प्रतिबंध लगाने की राह में पाक का दोस्त चीन आड़े आ रहा है।

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