वॉशिंगटन। पीएम नरेंद्र मोदी के हाल के अमेरिका दौरे के वक्त भारत और अमेरिका ने साझा बयान जारी किया था। इस बयान में पाकिस्तान से जारी सीमा पार आतंकवाद के मसले पर चिंता जताई गई थी। साथ ही 2008 में मुंबई पर हुए आतंकी हमले के गुनहगारों को सजा दिलाने की मांग भी भारत-अमेरिका के साझा बयान में की गई थी। इस पर पाकिस्तान ने सोमवार को अमेरिका के राजनयिक को विदेश विभाग में तलब कर आपत्ति जताई थी। पाकिस्तान का कहना था कि वो खुद आतंकवाद से पीड़ित है और उसे ही जिम्मेदार ठहराने की कोशिश हो रही है। इस पर अमेरिका ने एक बार फिर पाकिस्तान को झटका दिया है।
#BREAKING: Setback to Pakistan. US says it will continue to raise issues of terrorism with Pakistan. US asks Pakistan to act against terror groups like Lashkar e Tayyiba and Jaish E Muhammad and its splinter groups. US stands by India-US Joint Statement, rubbishes Pak concerns. pic.twitter.com/9OQ4BcTLjv
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) June 27, 2023
अमेरिका की सरकार के प्रवक्ता ने पाकिस्तान की तरफ से अपने यहां के राजनयिक को तलब किए जाने के सवाल पर कहा कि हम पाकिस्तान के साथ हमेशा आतंकवाद का मसला उठाते रहेंगे। अमेरिका ने एक बार फिर कहा कि पाकिस्तान को अपने यहां पनपने वाले लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद समेत इनसे जुड़े आतंकी संगठनों के खिलाफ कदम उठाना चाहिए। अमेरिका की बाइडेन सरकार ने ये भी साफ कर दिया कि वो भारत के साथ जारी साझा बयान के पक्ष में खड़ी है। पाकिस्तान को इस तरह अमेरिका ने साफ संकेत दे दिए हैं कि आतंकवाद के खिलाफ उसे कार्रवाई करनी ही होगी और भारत में सीमापार आतंकवाद फैलाने का उसका कदम अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
पाकिस्तान दरअसल, भारत में लगातार आतंकवाद फैलाता रहता है। खासकर जम्मू-कश्मीर में उसके पाले आतंकी संगठनों ने काफी खून बहाया है। पिछले कुछ समय से पाकिस्तान एक बार फिर पंजाब में भी खालिस्तान के नाम पर आतंकवाद फैलाने की कोशिश में जुटा है। ऐसे में अमेरिका की तरफ से उसे कड़ा संदेश दिया गया है कि हर हाल में वो आतंकवाद की गतिविधियां रोके। पाकिस्तान के तमाम आतंकियों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रतिबंधित भी किया है। कुछ अन्य पर प्रतिबंध लगाने की राह में पाक का दोस्त चीन आड़े आ रहा है।