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अमित शाह ने राज्यसभा में विपक्ष के सवालों का दिया जवाब, एनपीआर पर जो कहा सुनकर उड़ जाएंगे विरोधियों के होश

नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण गुरुवार को भी जारी है। लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में दिल्ली हिंसा को लेकर चर्चा हो रही है। राज्यसभा में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह साफ है कि दिल्ली पुलिस हिंसा में शामिल लोगों की मदद की। जिसकी वजह से मासूमों की जान गई। जिनकी जान गई वो दिल्ली दंगे में नहीं शामिल थे। इसके साथ ही इस चर्चा में हर पार्टी के नेताओं की तरफ से अपने-अपने बयान सदन के पटल पर रखे गए। इसके बाद विपक्ष के सवालों का जवाब देने आए गृहमंत्री अमित शाह ने पूरी संयमता के साथ सारे नेताओं के सवालों का जवाब दिया।

गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं थी कि दिल्ली दंगा को लेकर सदन की चर्चा से भागें। शाह ने कहा कि इस चर्चा के माध्यम से यह संदेश न जाए कि हम कुछ चीजों को बचाना चाहते थे या भागने चाहते थे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र इस स्टेज पर आज पहुंचा है, जहां आज कोई भी चाहकर भी कुछ नहीं छुपा सकता है। उन्होंने आगे कहा दिल्ली हिंसा के सिलसिले में किसी भी व्यक्ति के साथ कोई पक्षपात नहीं किया जाएगा और दंगा करने वाला व्यक्ति किसी भी धर्म या पार्टी का होगा, उसको नहीं छोड़ा जाएगा।

शाह ने उच्च सदन में दिल्ली के कुछ भागों में हाल की कानून और व्यवस्था की स्थिति पर हुयी चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार दंगों से जुड़े मामलों की वैज्ञानिक, प्रामाणिक तरीके से जांच कर रही है। मामलों की तेजी से जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि दंगा करने वाला व्यक्ति किसी भी पक्ष, किसी धर्म, किसी पार्टी या किसी जाति का हो, उसको छोड़ा नहीं जाएगा एवं किसी के साथ कोई पक्षपात नहीं किया जाएगा। शाह ने दिल्ली हिंसा को लेकर संसद में सरकार के चर्चा से भागने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस अपना काम ठीक से कर सके, लोगों को उनके स्थानों पर फिर से बसाने के लिए, घायलों के उपचार के लिए और दंगाइयों को पकड़ा जा सके, इसलिए चर्चा का समय मांगा गया।

उन्होंने कहा कि दंगों के बाद 700 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं। उन्होंने कहा कि जिसने भी प्राथमिकी के लिए कहा, उसकी शिकायत दर्ज की गयी। पुलिस ने किसी को भी मना नहीं किया। उन्होंने कहा कि 12 थानों के लिए विशेष अभियोजक नियुक्त किये गये हैं। शाह ने कहा कि 2647 लोगों को गिरफ्तार किया गया है या हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विज्ञापन देकर जनता से इन घटनाओं से जुड़े वीडियो और फुटेज मांगे थे। उन्होंने कहा कि वीडियो में लोगों की पहचान के लिए आधार कार्ड का उपयोग नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस को यह अधिकार मिलना चाहिए कि जिसने दंगा किया, उसके बारे में वैज्ञानिक साक्ष्य अदालत में पेश किए जा सकें। उन्होंने कहा कि 1922 चेहरों एवं व्यक्तियों की पहचान कर ली गयी है।

उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को ही उत्तर प्रदेश की सीमा को सील कर दिया गया था। लोकतांत्रिक देश में दो देशों की सीमा की तरह दो राज्यों की सीमा को सील नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 50 गंभीर मामलों की जांच तीन एसआईटी करेगी। इनको डीआईजी एवं आइजी स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में किया जाएगा। शाह ने कहा कि दंगों में इस्तेमाल किये गये 125 हथियार जब्त किये गये हैं। दोनों संप्रदायों के लोगों की अमन समितियों की 321 बैठक कर दंगे रोकने का प्रयास किया गया। 40 से अधिक टीमों का गठन कर संलिप्त लोगों की पहचान कर उन्हें पकड़ने की जिम्मेदारी दी गयी है। उन्होंने कहा कि 24 तारीख के पहले ही हमारे पास यह सूचना आ चुकी थी कि विदेश और देश से आये गये पैसे दिल्ली में बांटे गए।

इस संबंध में दिल्ली पुलिस जल्द ही घोषणा करेगी। पुलिस ने इस संबंध में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई भी बच नहीं सकता। उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें पाताल से भी ढूंढ कर लायेंगे और कानून के सामने खड़ा करेंगे।’’

दिल्ली हाई कोर्ट के जज के ट्रांसफर के सवाल पर जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा- सरकार सिर्फ निर्णय लेती है लेकिन सिफारिश सुप्रीम कोर्ट का कलीजियम करता है। इस संबंध में सिफारिश 12 फरवरी को ही आ गई थी, सिर्फ आदेश उसके बाद जारी हुआ। एक जज हमारे साथ न्याय करेंगे, बाकी अन्याय करेंगे। यह कैसी मानसिकता है। जजों के ट्रांसफर में सरकार का दखल बहुत कम से कम हो सकता है। सिर्फ हम वापस भेज सकते हैं।


अमित शाह ने कहा एनपीआर में कोई डॉक्यूमेंट नहीं मांगा जाएगा, जितनी सूचना आपको देना है दें। जितनी सूचना नहीं देनी वह आप नहीं देंगे। इसके लिए आप आजाद हैं। कोई भी डी लगाने वाला नहीं है। इस देश मे किसी को एनपीआर की प्रक्रिया से डरने की जरूरत नहीं है। कोई D नहीं लगेगा।

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