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शेहला रशीद के विरोध का एक और आपत्तिजनक तरीका दिखा सोशल मीडिया पर

नई दिल्ली। सीएए, एनपीआर और एनआरसी का विरोध सड़कों पर अपने चरम पर है। जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और एएमयू के छात्रों के साथ ही कई और विश्वविद्यालय के छात्र इसको लेकर सड़कों पर हैं। जमकर सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी भी हो रही है। कहीं-कहीं प्रदर्शन हिंसक भी रहा। हालांकि इस सब के बीच सरकार की तरफ से कई बार स्पष्ट कर दिया गया कि सीएए किसी भी तरह से किसी की नागरिकता समाप्त करने के लिए बनाया गया कानून नहीं है इससे देश में आए शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी। वहीं एनआरसी को लेकर अभी तक किसी भी तरह का कोई प्रस्ताव कैबिनेट के सामने लाया नहीं गया है। ऐसे में दोनों को एकसाथ जोड़कर देखना गलत है। Shehla Rashidलेकिन प्रदर्शन कर रहे छात्र इस मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। वहीं इस मामले को जेएनयू के उस आंदोलन से भी जोड़ दिया गया है जिसमें छात्र संस्थान में फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे हैं। अब दोनों को जोड़कर जो प्रदर्शन हो रहा है वह थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं इस पूरे आंदोलन का समर्थन कर रही जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद ने जो किया वह सच में ना-काबिले-बर्दाश्त है।

शेहला रशीद इससे पहले भी नरेंद्र मोदी सरकार को लेकर कई बार आपत्तिजनक टिप्पणी कर चुकी हैं। वहीं सेना के खिलाफ किए गए उनके ट्वीट की वजह से भी उनपर मामला दर्ज हो चुका है। लेकिन इस बार शेहला रशीद ने जो किया है वह देखकर आप समझ जाएंगे कि इनकी मंशा क्या है। शेहला ने अपने ट्वीटर हैंडल पर एक बैनर लगाया है जिसमें हिंदू राष्ट्र लाल रंग से और इस्लामिक स्टेट सफेट रंग से लिखा गया है।

इससे साफ पता चलता है कि शेहला यह साबित करने में जुटी हुई हैं कि भारत हिंदू राष्ट्र बनने की कगार पर है जो खून के रंग से रंगा हुआ है। वहीं इस्लामिक स्टेट शांतिपुर्ण होता है। उसी बैनर में आपको एक कोने में नमो नाज़ी लिखा हुआ भी दिखेगा।

इतना ही नहीं इससे पहले शेहला रशीद ने एक और ट्वीट कर एक फोटो साथ में लगाई है जिसमें लिखा है कि मेरे कागजात 2002 के गुजरात… में जल गए…फिर सॉरी लिख दिया। उसको ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है कि सॉरी मोदी जी। मतलब साफ है कि शेहला का इशारा 2002 में गुजरात दंगे की तरफ है और वह इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घसीटने की कोशिश कर रही हैं। जबकि शेहला को पता होना चाहिए की अदालत की तरफ से इस मामले में प्रधानमंत्री को क्लिन चिट दे दी गई है। ऐसे में शेहला रशीद का यह विरोध उनकी ओछी मानसिकता को दर्शाता है।

वहीं शेहला रशीद ने इससे पहले ट्विटर पर लिखा था कि- “अल्लाह का शुक्र है कि नरेंद्र मोदी की कोई औलाद नहीं है। अगर उनके बच्चे होते तो उन्हें स्कूल में काफ़ी शर्मिंदा होना पड़ता।”

ये पहली बार नहीं है जब शेहला रशीद ने पीएम मोदी को लेकर ऐसी टिप्पणी की हो। शेहला ने 2018 में भाजपा समर्थकों को ट्रोल करते हुए लिखा था कि वो अपने ‘पापा मोदी’ को कहें कि वो अनुच्छेद 370 हटा कर दिखाएं और राम मंदिर बना कर दिखाएं।

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