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कोरोना को लेकर घिरता जा रहा है चीन, अब अमेरिका के इस राज्य ने दर्ज किया पहला मुकदमा

Trump and china jinping

वॉशिंगटन। कोरोनावायरस को लेकर अमेरिका चीन के खिलाफ लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए है। कभी अमेरिकी राष्ट्रपति चीन पर कोविड-19 से जुड़ी सही जानकारियां छिपाने का आरोप लगाते हैं, तो कभी WHO के ऊपर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हमलावर नजर आते हैं। लेकिन अब अमेरिका के एक राज्य ने चीन पर नोवेल कोरोना वायरस को लेकर सूचनाएं दबाने, इसका भंडाफोड़ करने वाले लोगों को गिरफ्तार करने तथा इसकी संक्रामक प्रकृति से इनकार करने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ मुकदमा दायर किया है और कहा है कि इससे दुनियाभर के देशों को अपूरणीय क्षति हुई है तथा मानवीय क्षति के साथ अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हुआ है।

बता दें ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट मिसौरी की एक अदालत में मिसौरी के अटॉर्नी जनरल एरिक शिमिट की ओर से चीन की सरकार, वहां की सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और अन्य चीनी अधिकारियों एवं संस्थानों के खिलाफ अपनी तरह का पहला मुकदमा दायर किया गया है। गौरतलब है कि चीन भी लगातार अमेरिका पर कोरोनावायस संक्रमण फैलाने का आरोप लगा रहा है। शुरुआत में चीन ने कहा था कि अमेरिकी सेना ने ही चीन में कोरोना संक्रमण फैलाया था।

वहीं अमेरिका चीन पर इससे जुड़े कई खुलासे करने का दावा कर रहा है। अमेरिकी राज्य द्वारा आरोप लगाया गया है कि कोविड-19 के फैलने के शुरुआती अहम सप्ताहों में चीन के अधिकारियों ने जनता को धोखा दिया, महत्वपूर्ण सूचनाओं को दबाया, इस बारे में जानकारी सामने लाने वालों को गिरफ्तार किया, पर्याप्त प्रमाण होने के बावजूद मनुष्य से मनुष्य में संक्रमण की बात से इनकार किया, महत्वपूर्ण चिकित्सकीय अनुसंधानों को चीन द्वारा नष्ट किया गया।

इसके साथ ही चीन पर ये भी आरोप है कि उसने अहम जानकारियां छिपाकर दसियों लाख लोगों को संक्रमण की जद में आने दिया और यहां तक कि निजी सुरक्षा उपकरणों की जमाखोरी की जिससे महामारी वैश्विक स्तर पर खतरनाक साबित हुई है। चीन और अमेरिका के बीच इस आरोप-प्रत्यारोप के दौरान ही यूरोप के अन्य देश भी चीन पर हमलावर रुख अपना रहे हैं।

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