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ED की जांच में बड़ा खुलासा, यूपी में हिंसा के लिए PFI ने ट्रांसफर किए इतने करोड़ रुपये

ED PFI

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन जारी है। वहीं इसी बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नागरिकता कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हुए बड़े पैमाने पर हिंसक आंदोलन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उत्तर प्रदेश में हिंसा के पीछे मुस्लिम संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का सीधा हाथ बताया है। जिन खातों में पैसे ट्रांसफर हुए हैं, उनमें कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल, इंदिरा जय सिंह, दुष्यंत दवे और अब्दुल समद का भी नाम है।

मिली जानकारी के मुताबिक ईडी को 73 बैंक अकाउंट का पता चला है इनमें से 27 पीएफआई के हैं। जिनमें से नौ बैंक खाते उसकी संबंधित इकाई रिहैब फाउंडेशन एनटीआरआईएफ के हैं। इसके अलावा 17 अलग-अलग बैंकों में पीएफआई से संबंधित व्यक्तियों या इकाइयों के साथ खाते हैं। जिसकी जांच में ईडी लगा हुआ है।

इन बैंक खातों में दर्ज किए गए लेनदेन की जांच से पता चला है कि इन बैंक खातों में 120.5 करोड़ रुपये जमा किए गए। जो उसी दिन या दो से तीन दिनों के भीतर इन बैंक खातों में बहुत मामूली राशि छोड़कर निकाल लिए गए थे। जांच में यह भी सामने आया कि इन बैंक खातों में मुख्य रूप से नगद जमा आरटीजीएस या एनईएफटी और आइएमपीएस के द्वारा जमा किए गए। इन बैंक खातों में चेक के माध्यम से अपवाद स्वरूप ही लेनदेन हुआ है।

यूपी के इन इलाकों में हुई जमकर फंडिंग

ईडी ने खुलासा किया है कि संसद द्वारा दिसंबर में सीएए को मंजूरी दिए जाने के बाद उत्तर प्रदेश के बिजनौर, हापुड़, बहराइच, शामली, डासना में बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ है।

73 बैंक खातों में आए 120 करोड़ रुपए

रिपोर्ट के मुताबिक, 73 खातों में 120 करोड़ रुपए की फंडिंग की गई है। इसके अलावा यह भी दावा किया गया है कि पीएफआई की कश्मीर शाखा के खाते में भी 1.65 करोड़ रुपए ट्रांसफर हुए हैं। बताया जा रहा है कि इस रिपोर्ट के साथ ईडी गृह मंत्रालय पहुंची है।

पीएफआई अध्यक्ष को मिली जमानत

यह रिपोर्ट पीएफआई अध्यक्ष वसीम अहमद को जमानत मिलने के कुछ दिन बाद सामने आई है। पुलिस ने अहमद को गिरफ्तार कर दंगों का मास्टरमाइंड बताया था, वहीं कोर्ट ने सबूतों के आभाव में अहमद को जमानत दे दी।

अहमद ने दावा किया था, सरकार हिंसा को उनके संगठन से जोड़ना चाहती है, लेकिन कोई सबूत नहीं हैं। हमारे 25 सदस्यों में से 19 को जमानत मिल गई है।  इससे पहले योगी सरकार ने केंद्र सरकार से पीएफआई को बैन करने की मांग की थी। सरकार का दावा है कि ये संगठन राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं।

गौरतलब है कि भारत में पिछले साल के आखिरी में नागरिकता कानून पास हुआ था, इस कानून के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले प्रताड़ित हिंदू, सिख, पारसी, बौद्ध, जैन और ईसाइयों को नागरिकता देने का प्रावधान है। इस कानून के विरोध में भारत के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश, प बंगाल, असम, दिल्ली में कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन भी देखने को भी मिले थे।

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