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…तो इस तरह शाहीन बाग के विरोध प्रदर्शन को जारी रखने के लिए हो रही है फंडिंग, हुआ खुलासा

नई दिल्ली। देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) स्टूडेंट शरजील इमाम को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस को शरजील इमाम के बैंक खाते में विदेशी फंडिंग के सबूत मिले हैं। इसके तार शाहीन बाग में हो रहे विरोध प्रदर्शन से भी जुड़े हैं। हालांकि अभी तक की जांच में यह बात स्पष्ट नहीं हो सकी है कि यह फंडिंग कौन कर रहा था। पुलिस हर पहलू से केस की तफ्तीश में जुटी है।

वहीं प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) के सूत्रों के मुताबिक, पीएफआई के 120.5 cr रुपये 73 बैंक एकाउंट में क्रेडिट हुए थे जिनमें से 27 PFI के और 9 रिहैब इंडिया फाउंडेशन के थे और 37 अन्य लोगों के एकाउंट जोकि 17 अलग-अलग बैंक खातों के एकाउंट थे।

पीएफआई के खातों ने ज्यादातर पैसा कैश में जमा हुआ था। जिसमें से एक तिहाई पैसा PFI के शाहीनबाग़ के PFI HQ में जमा हुआ था।

PFI के दिल्ली स्टेट प्रेजिडेंट मोहम्मद परवेज अहमद और दूसरे PFI मेंबर्स एन्टी CAA प्रदर्शन में शामिल हैं। अहम बात ये है मोहम्मद परवेज अहमद आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह के फ़ोन कॉल, व्हाट्स एप से संपर्क में थे और मीटिंग भी कर चुके थे। मोहम्मद परवेज अहमद कई कांग्रेसी नेता और उदित राज के संपर्क में भी थे। मोहम्मद परवेज अहमद भीम आर्मी टॉप 100 और unification of muslim leadership जैसे व्हाट्स एप ग्रुप के सदस्य भी हैं।

ईडी के मुताबिक नागरिकता संशोधन विधेयक संसद में पेश होने के बाद कुल 15 खातों में 1.04 करोड़ रुपए जमा किए गए जिसमें 10 खाते पीएफआई और 5 खाते रिहैब इंडिया फाउंडेशन के हैं। ये जमा राशियां 5 हजार से लेकर 49 हजार रुपए तक थीं और इन्हें नकद अथवा मोबाइल का इस्तेमाल कर तत्काल भुगतान सेवा द्वारा जमा कराया गया था। जमाकर्ता की पहचान छुपाने के लिए धनराशि 50 हजार से कम रखी गई थी।

इन 15 बैंक खातों से 4 दिसंबर 2019 से 6 जनवरी 2020 के दौरान 1.34 करोड़ रुपए निकाले गए। इस धन का नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों में इस्तेमाल किया गया।

इसी तरह पीएफआई के खिलाफ एनआईए की जांच में कुल 73 बैंक खातों का पता चला है जिसमें पीएफआई के 27, इसकी संबंधित इकाई रिहैब इंडिया फाउंडेशन के 9, और 17 अलग अलग बैकों में इससे जुड़े व्यक्तियों के 37 खाते हैं। इन बैंक खातो में 120.5 करोड़ रुपए जमा किए गए जो उसी दिन या फिर दो या तीन दिनों के भीतर ही निकाल लिए गए।

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