नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मौजूदा वक्त में दो गठबंधन का उभार हुआ है, जिसमें से पहला इंडिया तो दूसरा एनडीए है। कुछ दल एनडीए की कश्ती पर सवार हुए हैं, तो वहीं कुछ इंडिया की, लेकिन कुछ दल ऐसे भी हैं, जिन्होंने अभी तक किसी का भी दामन थामा नहीं है। ऐसे में लोगों के जेहन में लगातार यही सवाल उठ रहा है कि आखिर वो आगामी दिनों में किसका दामन थामने जा रहे हैं, लेकिन इसका जवाब अभी तक किसी के पास नहीं है। इन्हीं में से एक दल बसपा यानी की बहुजन समाज पार्टी है। बता दें कि बहुजन समाज पार्टी ना एनडीए में है और ना ही इंडिया। मीडिया द्वारा बसपा चीफ मायावती से कई बार इस बारे में सवाल किया गया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, मगर आपको बता दें कि आज राजधानी लकनऊ में समीक्षा बैठक के दौरान मायावती ने स्पष्ट कर दिया है कि आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए उनका अगला कदम क्या होने जा रहा है। आइए, आगे कि रिपोर्ट आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
राजधानी लखनऊ में आहूत की गई समीक्षा बैठक में बसपा चीफ मायावती ने स्पष्ट कर दिया है कि वो ना ही इंडिया गठबंधन में शामिल होंगी और ना ही एनडीए में। उन्होंने अकले ही चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उनके इस फैसले को अब सियासी गलियारों में अलग-अलग सियासी चश्मों से देखे जाने का सिलसिला शुरू हो चुका है। बता दें कि इंडिया गठबंधन में समाजवादी पार्टी भी शामिल है और अखिलेश यादव और मायावती के बीच जारी अदावत तो जगजाहिर ही है। हालांकि, गत लोकसभा चुनाव में दोनों अपनी पुरानी अदालत भूलाकर गठबंधन की कश्ती पर सवार हुए थे, लेकिन चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद दोनों ने अपनी राहें अलहदा कर लीं। वहीं, मायावती के उक्त ऐलान से पहले माना जा रहा था कि वो तीसरे मोर्चे में शामिल हो सकती हैं।
दरअसल, जिन दलों ने एनडीए और इंडिया की कश्ती में सवार नहीं होने का फैसला किया है, वो अब तीसरे मोर्चे का गठन कर उसमें शामिल होने का मन बना रहे हैं, लेकिन अब मायावती ने अपने इस ऐलान सभी संभावनाओं को सिरे से खारिज कर यह स्पष्ट कर दिया है कि वो अब अकेले ही चुनाव लड़ेंगी। बहरहाल, अब आगामी दिनों में उनकी सियासी राहें कैसी रहती हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।
उधर, राजधानी लखनऊ में समीक्षा बैठक के दौरान मायावती ने कांग्रेस और बीजेपी को आड़े हाथों लिया जिसमें उन्होंने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस का रवैया एक जैसा है। मायवती ने कहा कि एससी-एसटी और ओबीसी को मिले अधिकारों को निष्प्रभावी करने की कोशिश जारी है। मायावती ने जाति के आधार पर जारी शोषण पर रोक लगाने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने सीएम योगी के बुलडोजर की कार्रवाई पर भी सवाल उठाया। बता दें कि बीते दिनों इंडिया गठबंधन पटना और बेंग्लुरु में आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बैठक बुलाई गई थी। बैठक में मुख्तलिफ मसलों पर चर्चा हुई, जिन्हें अब जमीन पर उतारने की कवायद शुरू हो चुकी है।