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पवन वर्मा और भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी का ये शायराना डिबेट एक बार आप भी देखें

नई दिल्ली। बिहार की तरह दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए दिल्ली में भी भारतीय जनता पार्टी, जनता दल युनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी में गठबंधन हुआ है। यही वजह है कि जदयू के दो वरिष्ठ नेताओं प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को सीएए-एनआरसी समेत केंद्र की एनडीए सरकार के कुछ फैसलों पर सवाल उठाने की कीमत चुकानी पड़ी है। जदयू के सुप्रीमो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोनों वरिष्ठ नेताओं को पार्टी की स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर रखा है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए जदयू के स्टार प्रचारकों की सूची में पीके और पवन वर्मा शामिल नहीं हैं।Sudhanshu Trivedi

ऐसे में पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखकर पार्टी का भाजपा के साथ बिहार से गठबंधन पर सवाल खड़े किए। इसी को लेकर रिपब्लिक टीवी पर भाजपा प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी और पवन वर्मा डिबेट शो में शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम को अर्नब गोस्वामी होस्ट कर रहे थे। सुधांशु त्रिवेदी और पवन वर्मा के बीच यह डिबेट आशा के विपरीत बिल्कुल शायराना अंदाज में पहुंच गया।

दोनों एक दूसरे से शायरी की जबान में बात करने लगते हैं। इस कार्यक्रम के होस्ट अर्नब गोस्वामी भी दोनों की शायरी की जमकर तारीफ करते हैं और एक दूसरे को कहते सुने जा सकते हैं कि आपकी तरफ से एक आनी चाहिए।

मतलब टीवी डिबेट में आजकल जो स्तर हो गया है शोर-शराबे से दूर इस कार्यक्रम में दोनों नेता एक दूसरे को जिस अंदाज में जबाव दे रहे थे वह सच में बहतरीन था आप भी उस अंदाज को देखिए जिसके बाद आप सुधांशु त्रिवेदी की शेरों शायरी के कायल हो जाएंगे।

पवन वर्मा ने चिट्ठी लिखकर नीतीश कुमार से मांगी सफाई

दिल्ली विधानसभा चुनाव में जद(यू) का बीजेपी के साथ गठबंधन पार्टी के वरिष्ठ नेता पवन वर्मा को नागवार गुजरा है और उन्होंने इस फैसले को लेकर पार्टी के अध्यक्ष नीतीश कुमार चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने भाजपा, नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर देश भर में गुस्से के माहौल पर अपनी राय रखी है। दरअसल पवन वर्मा ने पार्टी के विचारधारा के आधार पर नीतीश कुमार से सफाई मांगी है। ऐसा लग रहा है कि नीतीश कुमार की लगातार चुप्पी से पवन वर्मा अब बेचैन हो गए हैं। उन्होंने चिट्ठी में नीतीश कुमार से साल 2017 के बाद हुई एक निजी बातचीत का भी जिक्र किया है। जिसमें उन्होंने दावा किया कि किस तरह से नीतीश कुमार ने भाजपा को लेकर आशंका जताई है। पवन कुमार ने लिखा, ‘आपने कहा था कि किस तरह से भाजपा के वर्तमान नेतृत्व ने उन्हें अपमानित किया है और आपने कहा कि भाजपा भारत को एक खतरनाक जगह लेकर जा रही है, संस्थानों को खत्म कर रही है। अब जरूरत है कि एक लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष ताकत का गठन किया जाए। यहां तक कि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता को भी यह जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।’


अमित शाह का ऐलान- बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ेंगे चुनाव

दिल्ली विधानसभा में जेडीयू का बीजेपी के साथ चुनावी गठबंधन है। पार्टी दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वहीं अमित शाह ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि बिहार में भाजपा-जद(यू) गठबंधन नीतीश कुमार के नेतृत्व में हीं चुनाव लड़ेगी। उधर प्रशांत किशोर की संस्था दिल्ली चुनाव में केजरीवाल के लिए काम कर रही है। दूसरी ओर दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है, जिसमें पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत पार्टी के सभी प्रमुख नेताओं को शामिल किया गया है। लेकिन इस सूची से प्रशांत किशोर और पवन वर्मा का नाम गायब है।

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