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Tussle In I.N.D.I.A: पहले शरद पवार पर कांग्रेस नेताओं का निशाना, अब आप के साथ टकराव की नौबत, क्या बिखर जाएगा विपक्ष का गठबंधन!

नई दिल्ली। 26 विपक्षी दलों ने जोर-शोर से एलान कर लोकसभा चुनाव 2024 में पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी को केंद्र की सत्ता से हटाने का फैसला किया। विपक्षी दलों के इस गठबंधन I.N.D.I.A ने पहले पटना में बैठक की। फिर अगली बैठक बेंगलुरु में हुई। अब I.N.D.I.A गठबंधन की 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में बैठक होनी है। इससे पहले ही गठबंधन में तमाम टकराव देखने को मिल रहे हैं। पहले शरद पवार बनाम कांग्रेस और अब अरविंद केजरीवाल के आम आदमी पार्टी (आप) से कांग्रेस की धींगामुश्ती। ऐसे में ये चर्चा जोर पकड़ रही है कि क्या लोकसभा चुनाव आने से पहले ही विपक्षी दलों का गठबंधन बिखर जाएगा!

शरद पवार पर कांग्रेस के तीन बड़े नेता और उद्धव ठाकरे गुट के संजय राउत निशाना साध चुके हैं। मसला अजित पवार और शरद पवार के बीच 5 बैठकों का है। एनसीपी में टूट के बाद शरद और अजित के बीच इन बैठकों से महाविकास अघाड़ी में हलचल है। कांग्रेस के पृथ्वीराज चव्हाण, अशोक चव्हाण और नाना पटोले ने शरद पवार से भ्रम दूर करने की मांग की थी। नाना पटोले ने शरद पवार और अजित पवार के बीच बैठक को चिंताजनक भी बताया था। शरद पवार हालांकि बार-बार कह रहे हैं कि वो किसी सूरत में बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे, लेकिन पीएम मोदी के साथ मंच साझा करने और दिल्ली में विपक्षी नेताओं से न मिलने की वजह से I.N.D.I.A के घटक दल उनको लेकर संशय में हैं।

दूसरा मसला बुधवार को तब हुआ, जब कांग्रेस आलाकमान के साथ बैठक के बाद दिल्ली कांग्रेस की प्रवक्ता अलका लांबा ने एलान कर दिया कि पार्टी तो दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसके बाद आप की तरफ से प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ का बयान आया कि अगर ये फैसला कांग्रेस ने कर लिया है, तो मुंबई में होने वाली विपक्षी गठबंधन की बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है। आप की प्रवक्ता के इस बयान के बाद कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान से बैठक के दौरान इस बारे में कोई चर्चा ही नहीं हुई कि दिल्ली में सभी 7 सीट पर पार्टी लड़ेगी। बाबरिया ने कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण मसलों पर बयान देने के लिए अलका लांबा अधिकृत ही नहीं हैं। ऐसे में लगातार I.N.D.I.A गठबंधन में इस तरह के घटनाक्रम विपक्षी दलों के इस गठबंधन के लिए अच्छे संकेत नहीं माने जा रहे।

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