वॉशिंगटन। कोरोनावायरस की शुरुआत चीन से हुई उसके बाद ये कहर बनकर दुनिया पर टूट रहा है। अमेरिका इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। लेकिन अब चीन और अमेरिका के बीच कोरोना को लेकर तनातनी का माहौल लगातार बढ़ता जा रहा है। इधर अमेरिका चीन पर एक के बाद एक आरोप लगा रहा है तो वहीं चीनी सरकार अमेरिका पर कोरोना वायरस उसके देश में फैलाने का आरोप लगा रही है।
कोरोनावायरस के बाद सबके निशाने पर आए चीन की घेराबंदी की तैयारी पूरी हो चुकी है। जिस वायरस ने पूरी दुनिया के हेल्थ और इकॉनॉमिक सिस्टम को हिला कर रख दिया है। अब उसी वायरस से पूरी दुनिया में ऐसे कूटनीतिक बदलाव होने जा रहे हैं जिसके बारे में अब से पहले किसी ने सोचा भी नहीं था।
चीन के खिलाफ घेराबंदी की पूरी प्लानिंग अमेरिका ने की है। चीन को हर मोर्चे पर मात देने की तैयारी है और इसमें अमेरिका समेत 7 देश एक साथ आकर चीन को कड़ा संदेश दे चुके हैं।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइकल पोम्पिओ ने एक साथ 7 देशों के साथ वर्चुअल बैठक कर चीन को कड़ा संदेश दिया। इस बैठक में भारत भी शामिल था। भारत के अलावा जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, इजरायल और ब्राजील के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक की गई। इस बैठक में कोरोना को लेकर ज्यादा पारदर्शिता बरतने का मुद्दा उठाया गया।
यानि अमेरिका अपने साथ अब भारत समेत दुनिया की महाशक्तियों को दिखाकर चीन को कड़ा संदेश देना चाह रहा है. पोम्पिओ के आग्रह पर बुलाई गई इस बैठक को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से चीन पर लगातार निशाना साधने की रणनीति के अगले चरण के तौर पर देखा जा सकता है।
इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक इस बैठक में ‘कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय सहयोग, पारदर्शिता और जिम्मेदारी तय करने के मुद्दे पर चर्चा हुई है।इनके बीच भविष्य में होने वाले स्वास्थ्य संबंधी संकट और कानून सम्मत अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था कायम करने के विषय पर भी चर्चा हुई है।’