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Ganesh Sthapana Vidhi 2023: गणेश चतुर्थी पर करने जा रहे हैं विघ्नहर्ता की स्थापना?, तो पहले जान लें पूरी विधि

Ganesh Sthapana Vidhi 2023: इस साल 2023 में चतुर्थी तिथि (Ganesh chaturthi) का प्रारंभ आज, 18 सितंबर से हो रहा है। हालांकि गणेश चतुर्थी आज मनाई जाएगी या कल (19 सितंबर) को इसे लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है। 

नई दिल्ली। प्रथम पूजनीय देवता गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है। कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति की समस्या में है या फिर कोई अपने नए काम की शुरुआत करते हुए बप्पा की आराधना कर लें तो उसके सारे विघ्न दूर हो जाते हैं। यही वजह है कि बप्पा को वर्ध्नहर्ता कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि गणेश जी के जन्मोत्सव के रूप में रूप मनाई जाती है। इस साल 2023 में चतुर्थी तिथि (Ganesh chaturthi) का प्रारंभ आज, 18 सितंबर से हो रहा है। हालांकि गणेश चतुर्थी आज मनाई जाएगी या कल (19 सितंबर) को इसे लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है।

10 दिनों तक चलता है पूरा पर्व

10 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में लोग अपने घरों और मंदिरों में बप्पा की मूर्ति को स्थापित करते हैं और फिर 10 दिनों तक उनकी विधि-विधान के साथ पूजा करते हैं। अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा को विदाई दी जाती है। इस साल गणेश विसर्जन 28 सितंबर को होगा। वैसे तो बप्पा की पूजा से लेकर उनकी स्थापना में कई बातों का ख्याल रखना जरूरी है। हालांकि कई बार अंजाने में लोग बप्पा की स्थापना करते हुए कुछ गलतियां कर देते हैं तो चलिए जानते हैं किस तरह से करनी है बप्पा की स्थापना और क्या है इसका शुभ मुहूर्त (muhurat time)…

Ganesh Chaturthi 2023

गणपति स्थापना शुभ मुहूर्त (Ganesh chaturthi muhurat time) 

इस साल 2023 में भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि आज, सोमवार 18 सितंबर को दोपहर 12:39 से शुरु हो जाएगी और अगले दिन 19 सितंबर को दोपहर 1:43 मिनट तक रहेगी। अगर आप घर में गणेश जी की स्थापना करना चाह रहे हैं तो आप 19 सितंबर को सुबह 11:01 मिनट से दोपहर 01:28 मिनट तक कर सकते हैं। ये समय बप्पा की स्थापना के लिए काफी शुभ है।

इस विधि से गणेश मूर्ति स्थापना (Ganesh chaturthi puja vidhi) 

मूर्ति स्थापना के लिए चौकी लें और गंगाजल से इसे शुद्ध करें।

अब चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर इसमें अक्षत रखें। अब गणेश जी की जो मूर्ति आप लाएं हैं उसे स्थापित करें।

बप्पा को स्नान कराएं, गंगा जल छिड़कें।

अब बप्पा की मूर्ति के दोनों तरफ एक-एक सुपारी रखें। सुपारी को रिद्धि-सिद्धि का प्रतीक माना जाता है।

अब बप्पा की दाई ओर एक जल से भरा कलश रखें।

अब अपने हाथों में अक्षत और फूल लें और बप्पा का ध्यान करें।

बप्पा को फल, फूल और मिठाई अर्पित करें और “ऊं गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।

बप्पा की आरती करें।
डिस्क्लेमर: ऊपर दिए गए लेख की जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। NewsroomPost इस तरह की किसी जानकारी का दावा नहीं करता है।