
नई दिल्ली। कई बार हमने सुना है किसी की कुंडली में कालसर्प योग है और उसका निवारण नहीं कराया था बहुत बुरा हो सकता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि पुराने ज्योतिष और मॉडर्न ज्योतिष में काल सर्प जैसी कोई चीज नहीं होती है लेकिन हां जब राहु और केतु के साथ सारे ग्रह एक ही स्थिति में आ जाते हैं तो उस स्थिति को ज्योतिष काल सर्प योग कह देते हैं लेकिन इसमें सिर्फ राहु और केतु का प्रभाव जातक पर पड़ता है। अगर आपकी कुंडली में कुछ ऐसे योग हैं तो छोटे उपाय से आप राहु और केतु के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
1. अगर काल सर्प दोष(राहु-केतु से जुड़ी परेशानियां) परेशानियां खड़ी कर रहा है तो उसके लिए शुक्रवार के दिन एक बॉक्स में 7 अलग-अलग तरह के अनाज और दालें भर लीजिए और उसमें एक लोटा भी रख लीजिए और उसे भी अनाज से भर लीजिए। अगले दिन शनिवार के दोपहर 12 बजने से पहले लोटे को निकाल लें और बॉक्स में रखें अनाज को चौराहे पर डाल जाए और पीछे मुड़कर न देखें। चोराहे पर पड़ा अनाज पशु-पक्षी खा लेंगे। ऐसा आपको सात शनिवार करना है। इससे परेशानियों में कमी आएगी।
2. अगर पत्रिका में कालसर्प दोष है तो त्र्यंबकेश्वर मंदिर जाकर पूजन कराए और अगर आप ऐसा नहीं करवा पा रहे हैं तो तांबे के लोटे में शक्कर भर लो और इसमें चांदी के नाग-नागिन भी घर लो। ये काम रविवार को करना है और रात को उस लोटे को अपने सिरहाने पर रखकर सोना है और अगली सुबह नाग-नागिन की पूजा करके लोटे को शक्कर समेत भगवान शिव पर चढ़ा दो और मंदिर में नाग-नागिन का दान कर दो। इससे परेशानियां कम होगीं।
3. राहु और केतु परेशान कर रहे है तो राहु के लिए भगवान भैरव की पूजा कीजिए, जबकि केतु के लिए भगवान गणेश की पूजा कीजिए। इससे नकारात्मक प्रभाव कम होगे।
4. राहु और केतु के प्रभाव को कम करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी करा सकते हैं। ये जाप 108, 501 या 1100 मंत्रों का हो सकता है।