
नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में रत्नों को बेहद जरुरी माना गया है। दुनिया में कुल 84 किस्म के रत्न होते हैं लेकिन सभी रत्नों में मोती, मूंगा, पुखराज, पन्ना, मानिक, गोमेद, हीरा, लहसुनिया, पद्मराग और नीलम ऐसे नवरत्न है जिन्हें धारण करना बेहद मंगलकारी माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों की सलाह से धारण किये गए ये रत्न कुंडली के अशांत ग्रहों को शांत करने का काम करते हैं लेकिन अगर बिना सलाह के कोई भी रत्न पहना जाये तो इसका नुकसान भी भुगतना पड़ जाता है। ऐसे में आज हम बात करेंगे गोमेद की। तो चलिए आपको बताते हैं गोमेद रत्न के फायदें और किन्हें ये रत्न धारण करना चाहिए?
किन्हें धारण करना चाहिए गोमेद?
- वकालत, जासूस, राजनीति और न्याय से जुड़े व्यक्तियों के लिए गोमेद धारण करना बेहद शुभ माना गया है। जबकि व्यापारियों को गोमेद धारण करने से बचना चाहिए।
- जिन लोगों की राशि मिथुन, तुला, मकर, कुंभ या वृष है, उन्हें गोमेद धारण करना चाहिए इससे लाभ मिलेगा।
- जिन लोगों की कुंडली में राहु उच्च स्थान पर विराजमान हो, उन्हें गोमेद धारण करना चाहिए। गोमेद राहु दोष को कम करता है। इससे आपके बिगड़ते काम बनने लगेंगे और धन लाभ होगा।
गोमेद रत्न धारण करने का तरीका
गोमेद रत्न को आप अष्टधातु या चांदी की अंगूठी में गढ़वाकर पहन सकते हैं। शनिवार के दिन गोमेद धारण करना बेहद शुभ माना गया है। शुक्रवार के दिन ही आप गंगाजल, दूध और शहद के मिश्रण में अंगूठी को रख दें और अगली सुबह शनिवार के दिन स्नान करने के बाद साफ़ कपड़े से अंगूठी को पोंछकर ”ॐ रा राहवे नमः” का 108 बार जाप करते हुए इस अंगूठी को कनिष्क अंगुली में धारण करें।
गोमेद रत्न के फायदे
- शुभ कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होंगी।
- सभी कामों में सफलता मिलेगी।
- प्रेम संबंध में मधुरता आएगी।
- वैवाहिक जीवन में आ रहीं दिक्कतें दूर होंगी।
- कालसर्प दोष से मुक्ति मिलेगी।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकरियों की न्युजरूमपोस्ट पूरी तरह से पुष्टि नहीं करता है। अर्थात इसे अपनाने से पहले इस क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।