newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Bhadli Navami 2022: क्या आप जानते हैं आषाढ़ मास में भी पड़ता है अबूझ मुहुर्त?, जानिए क्या है इसकी शुभ तिथि, मुहूर्त और महत्व

Bhadli Navami 2022: जब किसी भी शुभ कार्य के लिए किसी तिथि या मुहूर्त को देखने की जरूरत नहीं पड़ती है। ऐसे शुभ समय को अबूझ मुहूर्त के नाम से जाना जाता है। ऐसे शुभ समय में अक्षय तृतीया सबसे मुख्य है। लेकिन इसके अलावा भी एक शुभ दिन है जो आषाढ़ मास में पड़ता है।

नई दिल्ली। सनातन धर्म में लगभग हर माह कोई न कोई त्योहार पड़ता रहता है। इन सभी त्योहारों का अपना अलग महत्व और विशेषता है। इसके अलावा हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए भी हिंदू कैलेंडर यानी पंचांग का प्रयोग किया जाता है। लेकिन साल में कुछ दिन ऐसे पड़ते हैं जब किसी भी शुभ कार्य के लिए किसी तिथि या मुहूर्त को देखने की जरूरत नहीं पड़ती है। ऐसे शुभ समय को ‘अबूझ मुहूर्त’ के नाम से जाना जाता है। इस प्रकार के शुभ दिनों में अक्षय तृतीया सबसे मुख्य है। लेकिन इसके अलावा भी एक शुभ दिन है, जो आषाढ़ मास में पड़ता है। इस मौके पर कोई भी शुभ कार्य बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है। इस दिन को ‘भड़ली नवमी’ के नाम से जाना जाता है। देश के कुछ क्षेत्रों में इसे ‘भड़रिया नवमी’ या ‘भड़ल्या नवमी’ के नाम से भी जानते हैं। इस दिन को शादी के लिए अभिजीत मुहूर्त माना जाता है। आज वही शुभ दिन है यानी आज भड़ली नवमी है तो क्या है इसकी खास बातें आइये जानते हैं…

शुभ मुहूर्त

भड़ली नवमी 2022 तारीख हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि यानी 07 जुलाई, गुरुवार को शाम 07:28 बजे शुरू होकर अगले दिन 08 जुलाई, शुक्रवार को शाम 06:25 पर समाप्त हो जाएगी। भड़ली नवमी उदया तिथि के अनुसार 08 जुलाई, दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी।

क्यों मनाते हैं भड़ली नवमी?

भड़ली नवमी का पर्व भगवान विष्णु के सम्मान में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि चतुर्मास में भगवान विष्णु निद्रासन में चले जाते है, लेकिन शयन अवस्था में जाने से पहले एक दिन अपने भक्तों को देते हैं ताकि वो अपने बचे हुए सारे शुभ कार्य निपटा लें। इसी दिन को भड़ली नवमी के नाम से जाना जाता है। इसके बाद भगवान विष्णु के साथ सभी देवी-देवता भी निद्रा में चले जाते हैं, जो 4 महीनों का चातुर्मास होता है।

इस दौरान विवाह या किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं किया जाता है। 4 माह बाद पड़ने वाले देव ‘उठनी एकादशी’ को देवताओं के जागने पर चातुर्मास समाप्त होता है। इस बार भड़ली नवमी पर 3 शुभ योग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस साल भड़ली नवमी पर शिव, सिद्ध और रवि योग बन रहे है। जिसमें किसी भी शुभ कार्य को बिना कोई मुहूर्त देखे पूरा किया जा सकता है। किसी काम की शुरूआत करने के लिए भी ये दिन काफी शुभ माना गया है।