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Bhaum Pradosh Vrat 2023: भौम प्रदोष व्रत पर पानी है भोलेनाथ की कृपा तो इस खास मुहूर्त में करें पूजा, हर मनोकामना होगी पूरी

Bhaum Pradosh Vrat 2023: हिन्दू धर्म में इस व्रत को काफी खास माना जाता है। जो लोग देवों के देव महादेव को प्रसन्न करना चाहते हैं उनके लिए तो ये दिन काफी महत्वपूर्ण होता है। कहा जाता है कि प्रदोष व्रत करने से भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होते हैं साथ ही अपनी कृपा भक्त पर बनाए रखते हैं। 

नई दिल्ली। हिन्दू धर्म व्रतों-त्योहारों से भरा हुआ है। एक त्योहार जाता नहीं है कि दूसरा आ जाता है। एक दिन पहले, रविवार 10 सितंबर को लोगों ने अजा एकादशी मनाई थी। वहीं, अब एक दिन बाद यानी मंगलवार को भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) रखा जाएगा। जब प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) मंगलवार के दिन पड़ता है तो इसे भौम प्रदोष व्रत कहते हैं। हिन्दू धर्म में इस व्रत को काफी खास माना जाता है। जो लोग देवों के देव महादेव को प्रसन्न करना चाहते हैं उनके लिए तो ये दिन काफी महत्वपूर्ण होता है। कहा जाता है कि प्रदोष व्रत करने से भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होते हैं साथ ही अपनी कृपा भक्त पर बनाए रखते हैं।

Pradosh Vrat 2023.

भौम प्रदोष व्रत पर बन रहे हैं 3 शुभ संयोग (Bhadrapada Bhaum Pradosh Vrat 2023 Shubh yoga)

इस बार भौम प्रदोष व्रत व्रत (Bhaum Pradosh Vrat 2023) एक दिन बाद 12 सितंबर को रखा जाएगा। इस बार का भौम प्रदोष व्रत काफी खास रहने वाला है क्योंकि इस बार ग्रह-नक्षत्रों का खास संयोग बन रहा है। भौम प्रदोष व्रत वाले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग और बुधादित्य योग का शुभ संयोग बन रहा है। ऐसे में जो भी भक्त इस दिन भोलेनाथ की आराधना और व्रत करेगा तो उसे इसका कई गुना फायदा मिलेगा।

som pradosh vrat katha

इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग की शुरुआत सुबह 6 बजकर 4 मिनट से हो जाएगी जो कि अगले दिन 12 सितंबर को रात 11 बजकर 1 मिनट तक रहेगा। वहीं, शिव योग की शुरुआत 12 सितंबर 2023 को प्रात 12 बजकर 14 मिनट से होगी और ये अगले दिन 13 सितंबर 2023 प्रात 1 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।

Pradosh Vrat 2023.

भौम प्रदोष व्रत 2023 मुहूर्त (Bhaum Pradosh Vrat 2023 muhurat)

भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष के भौम प्रदोष व्रत के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 12 सितंबर को शाम 6 बजकर 30 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। भोलेनाथ की पूजा के लिए प्रदोष काल यानी सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक पूजा आपको कर लेनी चाहिए।