नई दिल्ली। आज आंवला नवमी है। इस दिन भगवान विष्णु और आंवला के पेड़ की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि आंवला के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए इसे पूजा जाता है। हिंदू पंचाग के मुताबिक, कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी को अक्षय नवमी कहा जाता है। इस दिवाली के 10 दिनों बाद मनाया जाता है। वैसे तो कार्तिक मास में स्नान का काफी महत्व होता है लेकिन आंवला नवमी के दिन स्नान करने से अक्षय प्राप्त होता है। इस दिन व्रत करने से सुख शांति और वंश वृद्धि का फल प्राप्त होता है।
अक्षय नवमी के दिन सुबह-सुबह स्नान करने के बाद पूरे विधि विधान के साथ आंवले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। जिसके लिए सबसे पहले आपको अपने दाहिनें हाथ में अक्षत, जल और फूल लेकर व्रत का संकल्प लेना होगा साथ ही नीचे बताए गए मंत्रों का जप करना होगा।
अद्येत्यादि अमुकगोत्रोमुक (अपना गोत्र बोलें) ममाखिलपापक्षयपूर्वकधर्मार्थकाममोक्षसिद्धिद्वारा
श्रीविष्णुप्रीत्यर्थं धात्रीमूले विष्णुपूजनं धात्रीपूजनं च करिष्ये।
पिता पितामहाश्चान्ये अपुत्रा ये च गोत्रिण:।
ते पिबन्तु मया दत्तं धात्रीमूलेक्षयं पय:।।
आब्रह्मस्तम्बपर्यन्तं देवर्षिपितृमानवा:।
ते पिवन्तु मया दत्तं धात्रीमूलेक्षयं पय:।
दामोदरनिवासायै धात्र्यै देव्यै नमो नम:।
सूत्रेणानेन बध्नामि धात्रि देवि नमोस्तु ते।।
यानि कानि च पापानि जन्मान्तरकृतानि च।
तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिणपदे पदे।।
आंवला नवमी पूजा का शुभ मुहूर्त
अक्षय नवमी पूर्वाह्न समय – 06:41 ए एम से 12:05 पी एम
अवधि – 05 घण्टे 24 मिनट्स
नवमी तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 12, 2021 को 05:51 ए एम बजे
नवमी तिथि समाप्त – नवम्बर 13, 2021 को 05:31 ए एम बजे