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Evening Puja Path Rules: शाम की पूजा में भूलकर भी न करें ये काम, वरना झेलना पड़ेगा नुकसान

Evening Puja Path Rules: कई बार हम अंजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिससे की हमें पूजा का फल नहीं मिल पाता है। सुबह और शाम दोनों ही पूजा में अंतर होता है। शाम को पूजा के वक्त आपको कुछ बातों का ख्याल रखने की जरूरत होती है। तो चलिए आपको बताते हैं क्या हैं ये चीजें जिनका आपको ख्याल रखने की जरूरत है…

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का खास महत्व होता है। लोग भगवान को प्रसन्न करने के लिए और उनकी कृपा पाने के लिए सच्चे मन से पूजा पाठ करते हैं। सुबह और शाम दोनों वक्त भगवान की पूजा की जाती है। कई बार देखने को मिलता है कि लोग दोनों वक्त सच्चे मन से भगवान की पूजा तो करते हैं लेकिन उन्हें इसका फायदा नहीं मिलता। उनके जीवन में लगातार परेशानियां सामने आती है। कई बार हम अंजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिससे की हमें पूजा का फल नहीं मिल पाता है। सुबह और शाम दोनों ही पूजा में अंतर होता है। शाम को पूजा के वक्त आपको कुछ बातों का ख्याल रखने की जरूरत होती है। तो चलिए आपको बताते हैं क्या हैं ये चीजें जिनका आपको ख्याल रखने की जरूरत है…

Evening Puja Path Rules...

शाम की पूजा में रखें इन बातों का ख्याल

  • अगर आप हमेशा पूजा के वक्त तुलसी की पत्तियों को चढ़ाते हैं तो इस बात का ख्याल रखें कि शाम की पूजा में कभी भी तुलसी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  • शास्त्रों में सूर्यास्त के बाद तुलसी को छूने की भी मनाही होती है। जो लोग शाम के समय तुलसी के पौधे को छूते या फिर पत्तियों को तोड़ते हैं तो उन्हें कई मुसीबतों का सामना भी करना पड़ सकता है।

Evening Puja Path Rules

  • शाम के वक्त कभी भी पूजा के लिए फूल नहीं तोड़ने चाहिए क्योंकि शाम के वक्त पूजा के लिए फूलों को तोड़ना अशुभ माना जाता है।
  • शाम के वक्त जब भी आप पूजा करें तो सूर्य देव का आह्वान गलती से भी नहीं करें। ऐसा करने से आपको उनका गुस्सा झेलना पड़ सकता है।
  • शाम की पूजा के दौरान कभी भी आपको घंटी या शंख नहीं बजाना चाहिए। कहा जाता है कि सूर्य अस्त होने के बाद सभी देवी देवता शयन यानी सोने चले जाते हैं और घंटी और शंख बजाने से उनके आराम में खलल पड़ता है। ऐसे में शाम की पूजा के दौरान शंख न बजाएं।

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  • अक्सर पूजा में एक दिया ही जलाया जाता है लेकिन शाम की पूजा में दो दीपक जलाने चाहिए। एक दिया घी का और दूसरा तेल का।
  • कई लोगों के घर में मौजूद मंदिर में पर्दे नहीं होते हैं जो कि गलत है। शाम की पूजा के बाद मंदिर में पर्दा डाल देना चाहिए और भोर होने के बाद ही इसे खोलना चाहिए।