Jitiya Vrat 2022: इन मुहूर्तों में भूलकर भी न करें जितिया व्रत की पूजा, जानें पारण का सही समय

Jitiya Vrat 2022: इस दिन जल तक ग्रहण नहीं किया जाता है। यही कारण है कि इसे सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। आइए आपको बताते हैं जितिया व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त कौन सा है साथ ही ये भी जानेंगे की किस मुहूर्त में जितिया के व्रत की पूजा भूल कर भी नहीं करनी चाहिए…

Avatar Written by: September 18, 2022 6:00 am

नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में व्रत और उपवास का बहुत महत्व होता है। कहा जाता है किसी भी देवी या देवता का व्रत रखकर सच्चे मन से पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उन्हीं व्रतों में से एक जितिया का व्रत आज रखा जाएगा। मुख्य रूप से ये त्योहार बिहार और बनारस में मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर संतान की लंबी आयु और उनके  उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हैं। जितिया का व्रत 24 घंटे तक रखा जाता है। इस दिन जल तक ग्रहण नहीं किया जाता है। यही कारण है कि इसे सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। आइए आपको बताते हैं जितिया व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त कौन सा है साथ ही ये भी जानेंगे की किस मुहूर्त में जितिया के व्रत की पूजा भूल कर भी नहीं करनी चाहिए…

शुभ-मुहूर्त

इस व्रत का प्रारंभ एक दिन पहले यानी 17 सितंबर को नहाय-खाय से हो जाएगा। महिलाएं 18 सितंबर को पूरे दिन उपवास रखने के बाद शाम को जितिया का पूजन करेंगी। बिहार में प्रचलित ऋषिकेश पंचांग के अनुसार,18 सितंबर की शाम 6:05 बजे 7:33 तक कुंभ लग्न लग रहा है। इस दौरान पूजा करना अत्यंत शुभकारी माना जाता है। इसके अलावा, इस बार जितिया के दिन मृगशिरा और आद्रा नक्षत्र का मिलन हो रहा है जो काफी शुभ और अहम संयोग माना जाता है।

सिद्धि योग- सुबह 06:34 तक

अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:51 से लेकर दोपहर 12:40 तक

लाभ और अमृत मुहूर्त- सुबह 9:11 से लेकर दोपहर 12:15 तक

उत्तम मुहूर्त- दोपहर 1:47 से लेकर शाम 3:19 तक

जितिया व्रत के पारण का सही समय

19 सितंबर, सोमवार की सुबह 5:57 बजे के बाद

इन मुहूर्तों में भूलकर भी न करें जितिया व्रत की पूजा-

राहुकाल- दोपहर 12:01 से लेकर 12:30 तक

यमगंड- सुबह 07:30 से लेकर 09 तक

गुलिक काल- सुबह 10:30 मिनट से लेकर 12 बजे तक

दुर्मुहूर्त काल- दोपहर 11:47 से लेकर 12:35 तक

व्रती महिलाएं उपवास के दूसरे दिन यानी 19 सितंबर की सुबह पारण करेंगी। जितिया के व्रत में समूह में उगने वाली साग-सब्जियों से पारण करने का नियम है। दूध से जितिया का पारण करना भी काफी शुभ माना जाता है।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Newsroompost इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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