नई दिल्ली। आज यानी 30 मई को ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है। हर साल इस दिन सुहागिन महिलाएं वट सावित्री व्रत करती हैं। पति की लंबी आयु और संतान प्राप्ति के लिए रखे जाने वाले इस व्रत में सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करने के बाद बरगद के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाया जाता है। इसके बाद पेड़ के चारों ओर सात बार सफेद कच्चे सूत का धागा लपेटते हुए वट वृक्ष की परिक्रमा की जाती है। इस पूजा में वट सावित्री की कथा का पाठ काफी शुभ माना जाता है। इस पूजा विधि के अलावा भी इस दिन कुछ खास उपाय करके आप अपने कई बिगड़े काम बना सकते हैं। तो आइये जानते हैं कौन से वो उपाय…
1.संतान की प्राप्ति की चाह रखने वाले लोगों को बरगद की जड़ में जल के स्थान पर दूध चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा वट वृक्ष की जड़ का कुछ हिस्सा स्त्री की दायीं भुजा पर बांधने से भी संतान सुख की प्राप्ति होती है।
2.जिस बरगद के वृक्ष ने नीचे एक छोटा-सा बरगद का पौधा उगा हो, उस छोटे पौधे को लाकर अपने घर में लगाने कभी भी धन की कमी नहीं होती है।
3.कहा जाता है कि बरगद के पेड़ की एक जटा में अपने मन की बात कहते हुए गांठ लगाने से मनोकामना पूरी होती है। जब आपकी मनोकामना पूरी हो जाए तो गांठ खोल दें।
4.अगर आप चाहते हैं कि आपका अन्न भंडार कभी खाली न हो तो बरगद के एक पत्ते में थोड़ा सा अनाज रख कर उसे फोल्ड करके उसे एक सफेद धागे से बांध दें, और फिर उसे अपने भंडार घर में रख दें।
5.बरगद के एक पत्ते को धोकर उस पर हल्दी से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और उसे अपने घर के मंदिर में रख दें। ऐसा करने से बिजनेस में आ रही सभी समस्याएं दूर होती हैं। जब आपकी समस्या हल हो जाए तो इस पत्ते को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।
6.घर-परिवार में आर्थिक सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिये बरगद के एक पत्ते पर स्वास्तिक बनाएं और उस पर साबुत चावल और एक सुपारी रखकर मां लक्ष्मी के मंदिर में जाकर चढ़ा दें।
7.कर्ज से मुक्ति के लिये लगातार 11 दिनों तक शाम के समय वट वृक्ष के नीचे आटे का चौमुखी दीपक बनाकर उसमें घी और बत्ती डालकर जलाएं।
8.21 दिनों तक लगातार बरगद की जड़ में दूध डालने और उसकी मिट्टी का तिलक लगाने से दांपत्य जीवन सुखी रहता है। रिश्तों में भी प्रगाढ़ता आती है।
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