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Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2022: गणाधिप संकष्टी का व्रत कल, जानें कब है पूजा का शुभ मुहूर्त, और क्या है इसके महत्व

Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2022: इस व्रत में चंद्र देव की पूजा करना शुभ और महत्वपूर्ण भी माना जाता है। इनकी पूजा अर्चना के बिना यह व्रत पूरा नहीं होता है। आइए हम आपको पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में बताते है-

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में हर दिन कोई ना कोई त्योहार होता है। किसी भी पूजा पाठ में बिना भगवान गणेश के पूजा शुरू नहीं होती है। पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है उसके बाद ही किसी और भगवान की पूजा की जाती है। वहीं गणाधिप संकष्टी में भी भगवान गणेश की पूजा की जाती है। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं व्रत रखती है और भगवान गणेश का ध्यान करती है। इस दिन व्रत रख कर शाम को चंद्र देव को अर्घ्य देकर उनकी पूजा अर्चना करके ये व्रत खोला जाता है। इस व्रत में चंद्र देव की पूजा करना शुभ और महत्वपूर्ण भी माना जाता है। इनकी पूजा अर्चना के बिना यह व्रत पूरा नहीं होता है। आइए हम आपको पूजा का महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में बताते है-

गणाधिप संकष्टी का व्रत का महत्व

पंचाग के मुताबिक, मार्गशीर्ष कृष्ण चतुर्थी की शुरुआत कल यानी 11 नवंबर दिन शुक्रवार से होगी। इस दिन रात के 10 बजकर 25 मिनट पर इस त्योहार की शुरुआत हो गई है। इसका समापन 12 नवंबर को होगा। यानी यह तिथि शनिवार को रात 8 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। इस व्रत को 12 नवंबर दिन शनिवार को रखा जाएगा। गणाधिप संकष्टी का व्रत इस बार सिद्ध योग में पड़ रहा है। सिद्ध योग का समय सुबह से शुरू होकर शाम 10 बजकर 04 मिनट तक रहेगा। इस योग में आपकी सभी मनोकामना पूरी होगी। आपके परिवार में सुख समृद्धि आएगी। गणेश भगवान की पूजा करने से आपके जीवन की सारी मुश्किलें दूर होगी। इस व्रत को करने से आपके और आपके परिवार के ऊपर से सारे दुख दूर होंगे।

शुभ मुहूर्त-

12 नवंबर को चतुर्थी का शुभ मुहूर्त- सुबह 08 बजकर 02 मिनट -09 बजकर 23 मिनट तक

दोपहर में भी शुभ मुहूर्त- 01 बजकर 26 मिनट-शाम 04 बजकर 08 मिनट तक

राहुकाल- सुबह 09 बजकर 23 मिनट-10 बजकर 44 मिनट तक