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Ganesh Ji Aarti: बुधवार को अगर पूजा करते समय गाएंगे ये आरती तो गणपति बप्पा प्रसन्न हो बनाएंगे सभी बिगड़े काम

Ganesh Ji Aarti: बुधवार का दिन भगवान गणेश (Lord Ganesha) को समर्पित है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा (Worship of lord ganesh) की जाती है। उन्हें विघ्नहर्ता कहा जाता है। बुधवार (Wednesday) के दिन उनकी पूजा करने से आपके सारे दुख, सकंट और विघ्न समाप्त हो जाएंगे।

नई दिल्ली। बुधवार का दिन भगवान गणेश (Lord Ganesha) को समर्पित है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा (Worship of lord ganesh) की जाती है। उन्हें विघ्नहर्ता कहा जाता है। बुधवार (Wednesday) के दिन उनकी पूजा करने से आपके सारे दुख, सकंट और विघ्न समाप्त हो जाएंगे। इस दिन गणेश जी की विशेष आरती करने से बप्पा प्रसन्न होते हैं साथ ही बिगड़े काम भी बना देते हैं। हम आपको नीचे बताएंगे कि कौन सी आरती करने गणपति बप्पा प्रसन्न होते हैं और सब विघ्न हर लेते हैं।

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बप्पा का भोग

बप्पा को लड्डू और मोदक अतिप्रिय है। इसलिए पूजा करते समय बुधवार को उन्हें लड्डू या मोदक का भोग लगाएं। ऐसा करने से गणपति अपने भक्तों को शुभ फल देते हैं।

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बप्पा की आरती

सुखकर्ता दुःखहर्ता वार्ता विघ्नाची

नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची

सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची

कंठी झलके माल मुक्ता फलांची।

जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति

दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती। जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

रत्नखचित फरा तुज गौरीकुमरा

चंदनाची उटी कुमकुम केशरा

हीरे जड़ित मुकुट शोभतो बरा

रुणझुणती नूपुरे चरणी घागरिया।

जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति

दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती। जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

लम्बोदर पीताम्बर फणिवर बंधना

सरल सोंड वक्र तुंड त्रिनयना

दास रामाचा वाट पाहे सदना

संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुर वर वंदना।

जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति

दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती। जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव ।।

शुभता प्रदान करते हैं गणपति

जब भी हम कोई शुभ कार्य आरंभ करते हैं, तो कहा जाता है कि कार्य का श्री गणेश हो गया। इसी से भगवान श्री गणेश की महत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है। जीवन के हर क्षेत्र में गणपति विराजमान हैं। पूजा-पाठ, विधि-विधान, हर मांगलिक-वैदिक कार्यों को प्रारंभ करते समय सर्वप्रथम गणपति का सुमिरन करते हैं।

श्री गणेश जी की पूजा प्रत्येक शुभकार्यकरने के पूर्व श्री गणेशायनम का उच्चारण किया जाता है। क्योंकि गणेश जी की आराधना हर प्रकार के विघ्नों के निवारण करने के लिए किया जाता है। क्यों