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Hariyali Amavasya 2021: हरियाली अमावस्या आज, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

Hariyali Amavasya 2021: आज हरियाली अमावस्या मनाई जा रही है। इस दिन स्नान और दान का बड़ा महत्व होता है। लोग अपने पितरों की आत्मा की शांती के लिए पिंडदान और श्राद्ध करते हैं।

नई दिल्ली। आज हरियाली अमावस्या मनाई जा रही है। ये अमावस्या सावन के माह में पड़ती है। सावन माह में भगवान शिव की विशेष रुप से पूजा की जाती है। इस माह के कृष्ण पक्ष के चतुर्थी शिवरात्री पूजा के अगले दिन अमावस्या पड़ती है। सावन की अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन स्नान और दान का बड़ा महत्व होता है। लोग अपने पितरों की आत्मा की शांती के लिए पिंडदान और श्राद्ध करते हैं।

हरियाली अमावस्या की पूजा का शुभ मुहूर्त

प्रारम्भ – 07:11 पी एम, अगस्त 07
समाप्त – 07:19 पी एम, अगस्त 08

हरियाली अमावस्या की पूजा का महत्व

हरियाली अमावस्या पर व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रख पितरों को याद किया जाता है। मान्यता है कि आज के दिन पिंडदान और तर्पण के लिए विशेष है। इस दिन दान आदि का भी काफी महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, आज का दिन पितृ पूजा के साथ-साथ श्राद्ध के लिए भी उपयुक्त है।

हरियाली अमावस्या व्रत कथा

एक समय एक राजा प्रतापी नाम का राजा हुआ करता था। जिसके 1 बेटा और 1 बहू थे। एक दिन बहू ने मिठाई चोरी की और खा लिया। उन्होंने नाम चूहे की नाम लगा दिया था। इसकी वजह से चुहा काफी क्रोधित हो गया। उसने ठान लिया था कि राजा के आगे चोर का पर्दा उठाएगा। एक दिन राजा के यहां कुछ मेहमान आए थे और सभी राजा के कमरे में सोए हुए थे, तभी चुहे ने अपना बदला लेने का ठान लिया। उसने रानी की साड़ी को ले जाकर उस कमरे में रख दिया। अगले दिन जब मेहमानों की आंख खुली तो वो हैरान रह गए। ये बात जब राजा को पती चली तो उन्होंने बहू को महल से निकाल दिया।

रानी रोज शाम में दिया जलाती थी और ज्वार उगाने का काम करती थी। इसके बाद वो गुडधानी की प्रसाद बांटती थी। एक दिन उसी रास्ते से राजा निकल रहे थे। तभी उनकी नजर इन दियों पर पड़ीं। इसके बाद उन्होंने इस बारे में पता करवाया। राजा को जैसे ही सब पता चला उन्होंने रानी को महल में बुलवा लिया और सभी खुशी-खुशी रहने लगे।