नई दिल्ली। होलाष्टक…दो शब्दों होली और अष्टक से बना हुआ है। इन दो शब्दों (होली और अष्टक) का अर्थ होता है होली के 8 दिन। इन होलाष्टक की शुरुआत फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी से शुरू हो जाती है और ये फाल्गुन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा पर खत्म होते हैं। होलाष्टक की शुरुआत इस साल 2023 में 27 फरवरी 2023 आज से हो रही है जो कि अगले महीने मार्च के महीने में 7 तारीख तक रहेंगे। इन 8 दिनों में शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। हालांकि इस बार होलाष्टक 8 नहीं बल्कि 9 हैं। होलाष्टक के ये दिन काफी अशुभ माने जाते हैं। इसे लेकर कई तरह की पौराणिक प्रथाएं प्रचलित हैं जिसके मुताबिक, इन आठ दिनों में कई अशुभ कार्य हुए थे ऐसे में इन दिनों में शुभ काम नहीं करने चाहिए। होलिका दहन के बाद से ही शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है। हालांकि कई बार लोगों को जानकारी नहीं होती और वो होलाष्टक के इन दिनों में ऐसे काम कर देते हैं जिससे उन पर संकट आ जाते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कौन से हैं वो काम जो आपको इन होलाष्टक के दिनों में करने हैं और कौन से हैं वो काम जो जो आपको इन दिनों में नहीं करने हैं…
होलाष्टक कब से शुरू और कब खत्म
होलाष्टक की शुरुआत 2023 में 27 फरवरी हो रही है जो कि अगले महीने 7 मार्च तक रहेंगे। रंगों वाली होली 8 मार्च 2023 को मनाई जाएगी।
होलाष्टक पर क्या करें
- होलाष्टक पर श्री हरि विष्णु के मंत्रों का जाप करने पर आपको फायदा मिलता है.
- होलाष्टक पर आपको स्नान और दान जरूर करना चाहिए.
- फाल्गुन पूर्णिमा पर चंद्रमा और धन की देवी की पूजा जरूर करने पर शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
- होलाष्टक पर जितना हो सके आपको जरूरतमंदों की सहायता करनी चाहिए.
होलाष्टक में न करें ये काम
- होलाष्टक में किसी तरह का नया काम न शुरू करें.
- इन दिनों में पूजा-पाठ, हवन आदि भी न करवाएं.
- बच्चों का मुंडन या कोई मांगलिक कार्य न करवाएं.
- नया काम शुरू करने जा रहे हैं तो वो भी न करें.
- होलाष्टक में नई प्रॉपर्टी, नई गाड़ी वगैरह भी न खरीदें.