नई दिल्ली। हिंदू धर्म में पूरे साल के बारहों महीनों में कोई न कोई व्रत या त्योहार पड़ता ही रहता है। इनमें से हरियाली तीज का विशेष महत्व होता है। महिलाएं इस दिन मां पार्वती की पूजा अर्चना कर अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। इसके अलावा, सुहागिनें पति की लंबी आयु और कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना के लिए ये व्रत भी रखती हैं। कहा जाता है इस व्रत को पूरे विधि-विधान से करने से वैवाहिक जीवन सुखी होता है। इस बार ये व्रत 31 जुलाई को रखा जाएगा। ये पर्व हर वर्ष सावन के महीने की तृतीया तिथि को पड़ता है। कहा जाता है कि इसी दिन मां पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए विशेष पूजा-अर्चना की थी। यही कारण है कि महिलाएं अपने सुहाग की लंबी उम्र और लड़कियां अपने वर की कामना पूरी करने के लिए इस व्रत को करती हैं। प्रत्येक वर्ष नियमपूर्वक मनाया जाने वाला ये व्रत अगर किसी कारणवश छूट जाता है, तो क्या करना चाहिए। तो आइये जानते हैं पुराणों में लिखे इस समस्या के समाधान के बारे में…
कई बार ऐसा होता है कि इस व्रत के दिन स्त्रियां रजस्वला हो जाती हैं, स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या आ जाती है या फिर गर्भावस्था की वजह से भी महिलाएं हरियाली तीज का व्रत नहीं रख पाती हैं। इसके अलावा भी कई दूसरे कारण हो सकते हैं, जो हरियाली तीज के व्रत में बाधक हो सकते हैं। ऐसे में आप अपने व्रत का उत्तरदायित्व घर की किसी अन्य महिला को दे सकती हैं। आपके स्थान पर उन्हें व्रत रखने के लिए कह सकती हैं। लेकिन इसके बदले में आपको उन्हें सुहाग का सामान और दक्षिणा देना होगा।
आप माता पार्वती और भगवान शिव से व्रत को सम्पन्न न कर पाने के लिए क्षमा मांगे और अगले वर्ष इस व्रत को रखकर पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना करें, साथ ही पूरी श्रद्धा के साथ मां पार्वती और भगवान शिव की उपासना करते हुए उनसे पिछले साल की क्षमा मांगे। इसके अलावा, इस वर्ष भी सुहागन महिलाओं को सुहाग की सामग्री भी भेंट स्वरूप दें।