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Shani Stuti: क्या कारोबार में हो रहा है नुकसान पर नुकसान, तो शनिवार को ज़रूर करें शनि स्तुति का पाठ

Shani Stuti: शनिदेव के नाम पर ही दिन का नाम रखा गया है। शनिदेव न्याय के देवता हैं ऐसे में जो भी व्यक्ति कुछ भी गलत काम कराता है तो उसे शनिदेव की वक्र दृष्टि का सामना करना पड़ता है। शनि देव (Shani Dev) जिस पर भी अपनी कुदृष्टि डालते हैं उसके बनते काम भी बिगड़ने लगते हैं।

नई दिल्ली। शनिवार (Saturday Puja) का दिन शनिदेव (Shanidev Pujan) को समर्पित है। शनिदेव के नाम पर ही दिन का नाम रखा गया है। शनिदेव न्याय के देवता हैं ऐसे में जो भी व्यक्ति कुछ भी गलत काम कराता है तो उसे शनिदेव की वक्र दृष्टि का सामना करना पड़ता है। शनि देव (Shani Dev) जिस पर भी अपनी कुदृष्टि डालते हैं उसके बनते काम भी बिगड़ने लगते हैं। अगर आप भी शनि देव की वक्र दृष्टि या शनि दोष का सामना करे रहे हैं तो आप हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसा उपाय जिससे आपको फायदा होगा।

शनिदेव की स्तुति (Shani Dev Stuti)

नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च ।

नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ॥1॥

नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च ।

नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते ॥2॥

नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम: ।

नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते ॥3॥

नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम: ।

नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने ॥4॥

नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते ।

सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च ॥5॥

अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते ।

नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते ॥6॥

तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च ।

नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम: ॥7॥

ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे ।

तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात् ॥8॥

देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा: ।

त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत: ॥9॥

प्रसाद कुरु मे सौरे ! वारदो भव भास्करे ।

एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल: ॥10॥

shani dev 4

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Newsroom post किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता। ऐसे में किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।