नई दिल्ली। पूर्णिमा का दिन काफी खास माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान का खास महत्व होता है। पूर्णिमा के दिन मंदिरों और पवित्र नदियों में लोगों की काफी संख्या देखी जाती है। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन जो लोग स्नान और दान करता है उसे पुण्य मिलता है। मोक्ष की भी प्राप्ति के लिए पूर्णिमा के दिन को खास माना जाता है। स्नान और दान के बाद रात्रि के समय में चंद्र देव और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। कहते हैं जो भी लोग सच्चे मन से इस दिन पूजा-पाठ करता है उसके सभी दुख खत्म हो जाते हैं। हालांकि कई बार लोग अंजाने में पूजा के दौरान ऐसी गलतियां कर देते हैं जिससे उन्हें इसका कोई फल नहीं मिल पाता। तो चलिए आपको बताते हैं पूर्णिमा पर किस तरह से पूजा करने पर आपको माँ लक्ष्मी की कृपा मिलेगी और पैसों से जुड़ी हर परेशानी दूर होगी…
कब है पौष पूर्णिमा 2023
पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 6 जनवरी 2023 को शुक्रवार के दिन रात 2 बजकर 16 मिनट से शुरू होगी जो कि अगले दिन 7 जनवरी 2023 सुबह 4 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी।
पौष पूर्णिमा इस तरह से करें पूजा
- पौष पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त (सुबह के 4 बजे से लेकर 5:30 बजे तक) में उठें।
- अब किसी पवित्र नदी में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- व्रत रख रहे हैं तो इसका संकल्प लें।
- अब मां लक्ष्मी और भगवान नारायण की हल्दी, रोली, मौली, पुष्प, फल, मिठाई, पंचामृत, नैवेद्य से पूजा-पाठ करें।
- अब सत्यनारायण की कथा का पाठ करें
- इसके बाद श्री हरि विष्णु का भजन कीर्तन भी करें।
- शाम के समय दूध में चीनी, चावल मिलाएं और इससे चंद्रमा को अर्घ्य दें।
- आपको इस दिन गुड़, तिल, कंबल का दान जरूररतमंदों को करना चाहिएय़
- इस दिन ब्राह्मणों को भोजन भी करवाने से पुण्य मिलता है।
- आधी रात को धूप, दीप और माला चढ़ाकर माता लक्ष्मी की पूजा।