नई दिल्ली। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज मनाई जाती है। इस साल ये त्योहार (कजरी तीज) 25 अगस्त बुधवार मनाई जा रही है। इसे (कजरी तीज का पर्व) उत्तर भारत के कई स्थानों पर हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन सुहागन महिलाएं या विवाह के योग कन्याएं अखंड सौभाग्य की कामना से निर्जला व्रत रखती हैं। विवाहित महिलाएं माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं और उनके पति की लंबी आयु, सुखी जीवन और धन-वैभव का आशीर्वाद मांगती हैं।
ये है शुभ मुहूर्त
तृतीया तिथि प्रारम्भ- अगस्त 24, 2021 को 04:04 पी एम बजे
तृतीया तिथि समाप्त- अगस्त 25, 2021 को 04:18 पी एम बजे
चन्द्रोदय- 25 अगस्त रात 8 बजकर 26 मिनट पर
ये है पूजा विधि
हिंदू धर्म के अनुसार इस दिन नीमड़ी माता की पूजा-अर्चना का विधान है। सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। अब हरे रंग के साफ वस्त्रों को पहने। ये व्रत पूरे दिन रहता है। अब पूजा के लिए मिट्टी य़ा फिर गाय के गोबर से तालाब बनाएं। अब इसमें नीम की टहनी डालकर उसमें चुनरी रखकर नीमड़ी माता को स्थापित करें। आप इस दिन निर्जला व्रत रखते हुए 16 श्रृंगार कर माता की पूजा करें। फिर नीमड़ी माता को हल्दी, चूड़िया, लाल चुनरी, सत्तू, मेहंदी, सिंदूर और माल पुआ चढ़ाए। पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को चंद्रोदय के बाद ही व्रत को खोला जाना चाहिए। इस दिन जौ, गेहूं, चने और चावल के सत्तू में घी और मेवा मिलाकर कई तरह के पकवानों को भी बनाया जाता है। सुहागिनें इस दिन दान धर्म भी करती हैं। इसके साथ ही पूजा स्थल में घी का दिया जलाकर मां पार्वती और भगवान शिव के मंत्रों का जाप किया जाना चाहिए।