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Radhashtami 2022: राधाष्टमी पर जानिए राधारानी से जुड़ी 10 ऐसी अनसुनी बातें, जिन्हें जानकर आप हो जाएंगे हैरान

Radhashtami 2022: राधाष्टमी के अवसर पर मथुरा, वृंदावन और बरसाने में जन्माष्‍टमी जैसा ही उत्‍साह रहता है। इस त्योहार पर आपको राधाजी से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में बताते हैं, जिसके बारे में जानकर आपको हैरानी होगी। तो आइए जानते हैं क्या हैं वो खास बातें…

नई दिल्ली। इस समय मथुरा नगरी में जश्न का माहौल है। आज शनिवार, 3 सितंबर को देशभर में राधाष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। अगस्त के महीने में ही श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया था और अब उनकी प्रेमिका राधा का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। हिंदू पंचाग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधाष्टमी का पर्व मनाया जाता है, जो आज है। ऐसी मान्यता है कि जन्‍माष्‍टमी के व्रत का पूरा फल तभी मिलता है जब राधाष्टमी का व्रत किया जाता है। इस व्रत को करने से जीवन में प्रेम, सुख-समृद्धि और शांति का आगमन होता है। साथ ही इस दिन राधा-कृष्ण की पूजा करने से दांपत्य जीवन भी सुखमय होता है। राधाष्टमी के अवसर पर मथुरा, वृंदावन और बरसाने में जन्माष्‍टमी जैसा ही उत्‍साह रहता है। इस त्योहार पर आपको राधाजी से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में बताते हैं, जिसके बारे में जानकर आपको हैरानी होगी। तो आइए जानते हैं क्या हैं वो खास बातें…

1.राधा के पिता का नाम वृषभानु और माता का नाम कीर्ति था।

2.प्रचलित कथाओं के अनुसार, राधा कृष्ण से बड़ी थीं। कुछ लोग दोनों की उम्र का ये अंतर 11 महीने तो कुछ 5 साल बताते हैं।

3.श्री राधा-कृष्ण की पहली मुलाकात बरसाना और नंदगांव के बीच स्थित संकेत नामक छोटे-से गाँव में हुई थी।

4.गर्ग संहिता के अनुसार, आर्द्रभूमि में भण्डिर नामक स्थान पर ब्रह्मा जी ने उन दोनों का गांधर्व विवाह करवाया था।

5.एक बार रूठी हुई राधा को श्रीकृष्ण ने मनाने के अनेकों प्रयास किए थे। आज उस स्थान को ‘मानगढ़’ के नाम से जाना जाता है।

6.राधा-कृष्ण के प्रेम की परीक्षा लेने के लिए एक बार रुक्मिणी ने राधा को गर्म दूध पीने के लिए दिया था। इससे राधा को तो कुछ नहीं हुआ, लेकिन कृष्ण को छाले हो गए।

7.वैश्य उक्त रायाण का विवाह राधा की छवि से हुआ था, राधा से नहीं। इस छवि को राधा ने स्वयं उत्पन्न किया था।

8.राधा ने कई दिनों तक द्वारिका में एक देविका के पद पर रह कर श्रीकृष्ण की सेवा की थी।

9.राधा ने कृष्ण के मथुरा प्रस्थान से पूर्व उन्हें वैजयंती माला पहनाई थी।

10.राधा के अंतिम क्षणों में उनकी इच्छा पूरी करने के लिए श्री कृष्ण ने कई दिनों तक दिन-रात बांसुरी बजाई थी। इस बांसुरी को सुनते हुए ही राधा ने अपने प्राण त्यागे थे।