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Sawan Shivratri 2022: सावन की शिवरात्रि पर जानिए उस अद्भुत मंदिर के बारे में, जहां हिंदू मुस्लिम साथ-साथ करते हैं सजदा

Sawan Shivratri 2022: भगवान शिव को समर्पित सावन माह में आज हम आपको भगवान शिव के एक ऐसे स्वरूप के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर न केवल हिंदू बल्कि कई मुसलमान भी आकर सजदा करते हैं।

नई दिल्ली। सावन का महीना चल रहा है। चारो ओर भक्तिमय माहौल बना हुआ है। शिवभक्त शिवालयों में जाकर महादेव का जलाभिषेक और पूजा कर रहे हैं। कांवड़ यात्रा भी जारी है। भगवान शिव को समर्पित सावन माह में आज हम आपको भगवान शिव के एक ऐसे स्वरूप के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर न केवल हिंदू बल्कि कई मुसलमान भी आकर सजदा करते हैं। भगवान शिव का ये अद्भुत मंदिर कानपुर देहात के डेरापुर तहसील के बीहड़ और प्रकृति के सुरम्य वातावरण में एक 100 फीट के टीले पर सेंगुर नदी के उत्तर-पूर्व पर स्थापित है। मंदिर की विशेषता ये है कि इसके फर्श के मध्य में उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर लगभग 1.30 मीटर लंबाई की एक समाधि है। इस समाधि के ऊपर उत्तरी सिरे पर शिव लिंग स्थापित है। शिव लिंग के उत्तर में 0.40 मीटर दूरी पर नंदी विराजमान है, जिसे ‘कपालेश्वर महादेव’ व ‘पीर पहलवान’ के नाम से जाना जाता है। ये मंदिर वर्षों से हिंदू मुसलमान दोनों की आस्था का प्रतीक बना हुआ है। कानपुर देहात के डेरापुर में स्थित कपालेश्वर महादेव के इस अद्भुत मंदिर के निर्माण की कहानी भी रोचक है।

कहा जाता है कि, सन 1894 में उस वक्त के असिस्टेंट कमिश्नर कनौजी लाल मिश्र को स्वप्न में भगवान शिव ने इस मंदिर के निर्माण का आदेश दिया था। उन्हें जानकारी मिली थी कि जंगल में एक शिवलिंग है। उन्होंने वहां जाकर देखा तो उन्होंने पाया कि घने जंगलों में एक शिवलिंग है। कुछ चरवाहे खुरपी को शिवलिंग में घिसकर खरपी की धार तेज करने का काम कर रहे हैं और शिवलिंग से खून बह रहा है। इसके बाद उन्होंने पेंशन लेकर मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करा दिया। खुदाई के समय शिवलिंग के साथ एक मजार भी थी। मजार की सूचना पर मुस्लिम भी वहां इबादत के लिए पहुंचने लगे। तब से हिंदू और मुस्लिम दोनों की आस्था मंदिर से जुड़ी हुई है।

कानपुर देहात के डेरापुर में कपालेश्वर धाम में सावन और महाशिवरात्रि के पर्व पर विशेष मेले और पूजन का आयोजन होता है, जिसमें भक्तों की अपार भीड़ लगती है, न सिर्फ क्षेत्र के लोग बल्कि, कई जिलों के लोग भगवान शिव के अद्भुत रूप के दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं। कई लोगों की मान्यता और आस्था इस मंदिर से कई वर्षों से जुड़ी है।