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Ganga Dussehra 2021: जानिए गंगा दशहरा व्रत कथा और पूजा विधि

Ganga Dussehra 2021: ऐसा माना जाता है कि अगर सच्चे दिल से गंगा स्नान व पूजन किया जाए तो मन, वचन और कर्म तीनों प्रकार के पापों से आप मुक्ति पा सकते हैं। गंगा दशहरे पर महादेव का अभिषेक और भगवान विष्णु का आराधना की जाती है।

नई दिल्ली। गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2021) हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। ज्येष्ठ शुक्ला दशमी को दशहरा कहते हैं। इसमें स्नान, दान, रूपात्मक व्रत होता है। इस साल गंगा दशहरा 20 जून, दिन रविवार को पड़ रहा है। ऐसा माना जाता है कि अगर सच्चे दिल से गंगा स्नान व पूजन किया जाए तो मन, वचन और कर्म तीनों प्रकार के पापों से आप मुक्ति पा सकते हैं। गंगा दशहरे पर महादेव का अभिषेक और भगवान विष्णु का आराधना की जाती है। इसी के साथ मोक्षदायिनी मां गंगा का पूजन-अर्चन भी किया जाता है।

 

गंगा दशहरा व्रत कथा

गंगा दशहरा देवी गंगा को समर्पित है और यह दिन उस दिन के रूप में मनाया जाता है। जब गंगा को भागीरथ के पूर्वजों की शापित आत्माओं को शुद्ध करने के लिए अपने मिशन को पूरा करने के लिए पृथ्वी पर उतारा गया था। पंडित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि पृथ्वी पर आने से पहले, देवी गंगा भगवान ब्रह्मा के कमंडल में निवास कर रही थीं और वह स्वर्ग की पवित्रता को पृथ्वी पर ले आईं। लेकिन मां गंगे की गति इतनी अधिक थी कि उसे पृथ्वी की ऊपरी सतह पर रोक पाना नामुमकिन था।

तब भागीरथ ने मां गंगे की इच्छा पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। राजा भागीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने गंगा मां को अपनी जटाओं में समा लिया था। इसके बाद भगवान शंकर ने अपनी जटाओं से मां गंगे को धीमी गति के साथ पृथ्वी पर उतारे थे। स्कन्दपुराण में इस द‍िन स्नान और दान का व‍िशेष महत्‍व है। मान्‍यता है क‍ि इस द‍िन गंगा नाम के स्‍मरण मात्र से ही सभी पापों का अंत हो जाता है।

ganga ghat

गंगा दशहरा पर ऐसे करें पूजन

इस दिन गंगा नदी में स्नान करना श्रेयस्कर होता है, किन्तु कोरोना वायरस महामारी संकट की वजह से इस साल श्रद्धालु गंगा नदी में आस्था की डुबकी नहीं लगा पाएंगे। ऐसे में गंगा दशहरा के दिन गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें. इसके बाद सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद ॐ श्री गंगे नमः का उच्चारण करते हुए मां गंगे का ध्यान कर अर्घ्य दें।