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Narada Jayanti 2023: जानिए नारद जयंती में कैसे करें पूजा, और क्यों भगवान ब्रह्मा ने दिया था इन्हें अविवाहित रहने का श्राप

Narada Jayanti 2023: नारद भगवान को संसार का पहला पत्रकार कहा जाता है जो कि देवी-देवताओं और असुरों के पास हर बात पहुंचाते थे। नारद भगवान को भगवान विष्णु का ही अंश कहा जाता है। आज यानी 6 मई को नारद जयंती है तो चलिए जानते है कि नारद जयंती में पूजा-पाठ कैसे करें-

नई दिल्ली। हिंदु धर्म में त्योहारों को काफी महत्व दिया गया है। हर त्योहार का अपना ही एक स्थान है। कोई भी त्योहार हो लोग उसे धूमधाम से मनाते है। अब बात करें तो आज नारद जयंती है और आज के दिन भगवान नारद की पूजा होती है। सनातन धर्म में नारद भगवान का काफी महत्व है इसलिए नारद जयंती को भी उतना ही महत्व दिया जाता है। इस दिन लोद भगवान नारद की अराधना करते है। नारद भगवान को संसार का पहला पत्रकार कहा जाता है जो कि देवी-देवताओं और असुरों के पास हर बात पहुंचाते थे। नारद भगवान को भगवान विष्णु का ही अंश कहा जाता है। आज यानी 6 मई को नारद जयंती है तो चलिए जानते है कि नारद जयंती में पूजा-पाठ कैसे करें-

कैसे करें पूजा-

  • इस दिन भक्त सूर्योदय से पहले उठ कर स्नान कर लेते है।
  • स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण कर लें।
  • इसके बाद नारद भगवान या विष्णु भगवान की प्रतिमा के सामने हाथ जोड़ कर बैठ जाए।
  • नारद भगवान को चंदन, कुमकुम, अगरबत्ती, तुलसी के पत्ते, फूल चढ़ाकर उनकी आराधना करें।
  • इसके बाद भगवान विष्णु की भी पूजा करके आरती करें।
  • इस दिन दान पुण्य का जरूर करना चाहिए।
  • इस दिन ब्राह्मणों को भोजन अवश्य कराएं।

नारद भगवान को श्राप मिला था-

मान्यता के अनुसार नारद जी भगवान ब्रह्मा जी के कंठ से उत्पन्न हुए थे जिस कारण इन्हें संगीत, योग, शास्त्र, व्याकरण, भूगोल, इतिहास, पुराण में धनी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि नारद जी को ब्रह्मा जी ने अविवाहित होने का श्रॉप दिया था क्योंकि उन्होंने एक बार ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि के कामकाज के लिए मना कर दिया था। जिस कारण ब्रह्मा जी ने गुस्सा कर इन्हें श्रॉप दे दिया था। शास्त्रों में तो ये भी कहा गया है कि नारद जी ने कठोर तपस्या के बाद देवलोक में ब्रम्हऋषि का पद पाया था।