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Makar Shankrati: जानिए क्यों मनाया जाता हैं मकर संक्रांति का त्योहार, और किस राज्य में किस नाम से इसे पुकारा जाता हैं

Makar Shankrati: मंदिरों में भी प्रसाद के रूप में खिचड़ी को बना कर चढ़ाया जाता है। ऐसा कहा जाता हैं कि सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता हैं और कहा जाता हैं कि सर्दियों खत्म हो जाती हैं और गर्मियां शुरू हो जाती हैं। हालांकि, मकर संक्रांति को हर राज्य में अलग-अलग नाम से जाना जाता हैं। आइए हम आपको उसके बारे में बताते हैं-

नई दिल्ली। अगर साल का पहला त्योहार पूछे तो वह मकर संक्राति हैं। इस दिन को हर लोग अलग-अलग अंदाज में मनाते हैं। इस दिन आपको पूरा आसमान पतंग से भरा दिखेगा हर लड़के छोटा हो या बड़ा हर कोई इस दिन पतंग उड़ाता हुआ दिखेगा। इस दिन लोग खिचड़ी बना कर खाते हैं और आपको इस दिन हर जगह खिचड़ी बटती दिख जाएगी। मंदिरों में भी प्रसाद के रूप में खिचड़ी को बना कर चढ़ाया जाता है। ऐसा कहा जाता हैं कि सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता हैं और कहा जाता हैं कि सर्दियों खत्म हो जाती हैं और गर्मियां शुरू हो जाती हैं। हालांकि, मकर संक्रांति को हर राज्य में अलग-अलग नाम से जाना जाता हैं। आइए हम आपको उसके बारे में बताते हैं-

उत्तर प्रदेश-

उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति को खिचड़ी कहा जाता हैं, इस पर्व में उत्तर प्रदेश के लोग गंगा स्नान करते हैं और खिचड़ी बनाते हैं और इसी का सेवन भी करते हैं। इस दिन खिचड़ी को बना कर प्रसाद के रुप में लोग इसका सेवन करते हैं। इस दिन काले तिल का लड्डू, लाई का लड्डू और गजक का भी सेवन करते हैं। इस दिन पतंग को उड़ाने का भी प्रचलन हैं।

उत्तराखंड-

मकर संक्रांति को कुमाऊं में घुघुती और गढ़वाल क्षेत्र में खिचड़ी संक्रांति के नाम से जाना जाता हैं। इस दिन सूर्य का उत्तरायण हो जाता हैं और मौसम में भी काफी बदलाव देखा जाता हैं। ऐसा कहा जाता हैं कि पहाड़ी चिड़िया घुघुती पहाड़ी पर वापसी करती हैं।

पंजाब-

पंजाब में मकर संक्रांति को लोहड़ी के नाम से जाना जाता हैं। इस दिन फसल की कटाई के काम की शुरुआत होती हैं। इस दिन सारे पंजाबी एक जगह एकट्ठे होकर नाचते हैं और लोहड़ी को एन्जॉय करते हैं।

गुजरात-

गुजरात में मकर संक्रांति को उत्तरायण के नाम से जाना जाता हैं  इस दिन सारे लोग पूजा-पाठ करके इस त्योहार की शुरुआत करते हैं इस दिन सारे लोग पतंग को उड़ाते हैं और काफी खुश होते हैं। गुजरात में 14 जनवरी को उत्तरायण के रूप में मनाया जाता हैं वहीं अगले दिन इसे बासी उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता हैं।

तमिलनाडु-

तमिलनाडु में मकर संक्रांति को पोंगल नाम से जाना जाता हैं। पोंगल को यहां चार दिन तक मनाया जाता हैं, जहां पहले दिन भोगी पोंगल, दूसरे दिन सूर्य पोंगल तीसरे दिन मट्टू पोंगल और चौथे दिन कन्या पोंगल मनाया जाता हैं।

बिहार- 

बिहार की बात करें तो इस दिन को तिल संक्रांत के नाम से जाना जाता हैं इस दिन लोग दही और चूरा का सेवन करते हैं इसके साथ ही लोग तिल के लड्डू, लाई के लड्डू और तरह-तरह की सब्जियां बनाते हैं। इस दिन चूरा दही का स्वाद ही अलग होता हैं।