
नई दिल्ली। भारत में कई ऐसे प्रसिद्ध त्योहार हैं, जिसे न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। उन्हीं त्योहारों में से एक है छठ पूजा का पर्व। देश के वो लोग जो विदेशों में जाकर बसे, अपने साथ अपनी संस्कृति, सभ्यता और त्योहार ले जाना नहीं भूले। दूसरे देश में रहते हुए भी ये लोग उसी उत्साह के साथ त्योहार मनाते हैं। इतना ही नहीं, कई देशों की सरकारें भी इन त्योहारों के आयोजन में सहयोग प्रदान करती है। आज हम आपको ऐसी ही एक भारतीय नागरिक के विषय में बताने जा रहे हैं जो सात समुंदर पार गईं तो लेकिन अपनी संस्कृति को नहीं भूलीं। मोनी सिंह नाम की भारतीय नागरिक इस बार अमेरिका से चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व को लेकर नवादा पहुंच गईं। उनके साथ उनका 6 वर्षीय पुत्र भी मौजूद रहा।
बुंदेलखंड निवासी धीरज कुमार सिंह की पत्नी मोनी सिंह बताया कि ‘वो अमेरिका में भी छठ पर्व कर सकती थीं। लेकिन वहां नवादा जैसी सुख सुविधा नहीं मिल पाती। अपनी माटी में आकर छठ करने का उत्साह गजब होता है।’ मोनी सिंह के अनुसार, पावन छठ में इतनी ताकत होती है कि हर श्रद्धालु अपने गांव अपने शहर अपने घर किसी तरह से लौट ही आता है। उन्होंने पिछले साल छठ की शुरुआत की थी और मन्नत भी मांगी थी। मन्नत पूरी होने पर वो दूसरी बार छठ के लिए नवादा पहुंची हैं।
उनके 6 वर्षीय पुत्र ने अमेरिकी भाषा में बताया कि ‘सन ऑफ गॉड (सूर्य भगवान) ही संसार के तारणहार है। सूर्य भगवान की आराधना हम सभी को करना चाहिए। ‘ इस नन्हे बालक ने अंग्रेजी में कहा कि ‘भारत की माटी बिहार की माटी में छठ पर्व मनाने का एक अलग उत्साह और ऊर्जा मिलती है।’