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Sawan 2022: सावन के पहले सोमवार को जानिए भोलेनाथ के ऐसे अद्भुत मंदिरों के बारे में, जहां स्थापित हैं विशालकाय शिवलिंग

Sawan 2022: देश-विदेश में भोलेनाथ के भक्तों की कमी नहीं है। काशी में तो लगभग हर घर में शिवलिंग स्थापित है। सावन के पहले सोमवार पर शिवलिंग की चर्चा करते हुए आज हम आपको भगवान शिव की विशाल मूर्तियां और शिवलिंग वाले शिव मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं।

नई दिल्ली। देवों के देव महादेव भगवान शिव ने संकटों से सृष्टि की रक्षा करने और उसके हित के लिए न जाने कितने अवतार लिए। कभी शांत तो कभी रौद्र रूप धारण किया। उनके सभी रूपों के प्रतीक चिन्ह के रूप में पूरे देश में शिवलिंग स्थापित हैं। देश-विदेश में भोलेनाथ के भक्तों की कमी नहीं है। काशी में तो लगभग हर घर में शिवलिंग स्थापित है। सावन के पहले सोमवार पर शिवलिंग की चर्चा करते हुए आज हम आपको भगवान शिव की विशाल मूर्तियां और शिवलिंग वाले शिव मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं भोलेबाबा की अद्भुत और विशाल मूर्तियां और शिवलिंग कहां-कहां स्थापित हैं?

1.नाथद्वारा (राजस्थान)

राजस्थान के नाथद्वारा शहर में 351 फ़ीट की ऊंचाई वाली शिव-मूर्ति स्थापित है, जो दुनिया की सबसे बड़ी भगवान शिव की मूर्ति मानी जाती है। इसके सामने ही नंदी की मूर्ति भी स्थापित है, जिसकी ऊंचाई 25 फीट है।

2.मुरुदेश्वर (कर्नाटक)

अरब सागर से घिरे कर्नाटक की भटकल तालुका में स्थित मुरुदेश्वर मंदिर में संसार की दूसरी सबसे ऊंची शिव-प्रतिमा स्थित है, जिसकी ऊंचाई 123 फीट ऊंची है। यहां पर नंदी समेत अन्य बहुत सारे देवी-देवताओं की भी मूर्तियां मौजूद हैं। भोलेनाथ की इस प्रतिमा पर जब सुबह सूर्य की पहली किरण पड़ती है तो उनका तेज देखते ही बनता है।

3.कोटिलिंगेश्वर मंदिर (कर्नाटक)
इस मंदिर में 108 फीट लंबा विशाल शिवलिंग स्थापित है। इस शिवलिंग के साथ यहां पर करीब एक करोड़ छोटे-छोटे शिवलिंग भी मौजूद हैं। करीब 15 एकड़ के क्षेत्र में निर्मित ये मंदिर कर्नाटक के कोलार जिले में स्थित है।

4.आदियोगी शिव (तमिलनाडु)

आदियोगी शिव दुनिया की सबसे बड़ी शंकर जी की अर्ध मूर्ति है। मंत्रमुग्ध करने वाली ये मूर्ति तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में स्थित है। इसकी ऊंचाई 112.4 फ़ीट है।

5.त्र्यंबकेश्वर मंदिर (महाराष्ट्र)

गोदावरी नदी के किनारे बना त्र्यंबकेश्वर मंदिर नासिक से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कहा जाता है कि ये मंदिर पेशवा बालाजी बाजी राव द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर की वास्तुकला वाकई देखने योग्य है।

6.तुंगनाथ मंदिर (उत्तराखंड)

समुद्र तल से 12073 फ़ीट की ऊंचाई पर देवभूमि उत्तराखंड में भगवान शिव का मंदिर स्थित है, जो सबसे अधिक ऊंचाई पर बना है। रुद्रप्रयाग जिले में पड़ने वाला ये मंदिर देखने में लगभग केदारनाथ मंदिर जैसा लगता है। शिव-मंदिर के अलावा, यहां पर माता पार्वती और वेद व्यास जी के भी छोटे मंदिर मौजूद हैं।

7.लिंगराज मंदिर (ओडिशा)

भुवनेश्वर (ओडिसा) के सबसे पुराने और बड़े मंदिरों में से एक इस मंदिर की वास्तुकला अद्भुत है। इसकी सबसे खास बात ये है कि यहां स्थित शिव लिंग की चौड़ाई और लंबाई समान आकार के हैं। ऐसी मान्यता है कि मंदिर परिसर में मौजूद बिंदुसार तालाब भगवान शंकर के आशीर्वाद से ही हमेशा भरा रहता है।

8.बृहदेश्वर मंदिर (तमिलनाडु)

दक्षिण के तमिलनाडु में स्थित ये मंदिर UNESCO की विश्व धरोहर स्थल वाली सूची में शामिल है। इस स्थान पर भी एक विशालकाय शिवलिंग स्थापित है। कहा जाता है, कि राजा चोलन के द्वारा एक सपना देखे जाने के बाद इस मंदिर को बनाने का आदेश दिया गया था। यहां नंदी की भी एक प्रतिमा है,जिसका निर्माण एक ही पत्थर को काटकर किया गया है।

9.वडकुनाथन मंदिर (केरल)

केरल के त्रिशूर ज़िले में स्थित वडकुनाथन मंदिर, करीब 9 एकड़ में फैला हुआ है। इस मंदिर में भगवान शिव के साथ-साथ भगवान राम और शंकरनारायण की मूर्तियां भी स्थित हैं। यहां पर शिवलिंग हमेशा घी से ढके रहते हैं, जिसकी वजह से भक्तों को उनकी प्रतिमा दिखाई नहीं देती।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Newsroompost इसकी पुष्टि नहीं करता है।