नई दिल्ली। आज देश में भगवान परशुराम जयंती (Parshuram Jayanti 2021) मनाई जा रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को परशुराम जयंती मनाई जाती है। बता दें कि भगवान परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं। भगवान विष्णु के छठे अवतार के जन्मदिवस के रुप में हर वर्ष परशुराम जयंती मनाई जाती है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, परशुराम जी का जन्म प्रदोष काल में तृतीया तिथि में हुआ था। ऐसे में परशुराम जयंती का उत्सव भी प्रदोष काल में ही मनाया जाना चाहिए। इस साल परशुराम जयंती आज 14 मई दिन शुक्रवार को है। इस दिन अक्षय तृतीया भी है।
परशुराम जयंती पूजा मुहूर्त
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष काल में परशुराम जयंती मनाना उत्तम रहता है। ऐसे में आप प्रदोष काल में परशुराम जी का जन्मोत्सव मना सकते हैं। प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद और रात्रि से पूर्व के समय को कहा जाता है। इस दिन सूर्यास्त शाम को 07 बजकर 04 मिनट पर होगा।
परशुराम जयंती का महत्व
परशुराम जी भगवान विष्णु के छठे अवतार थे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार परशुराम जी एक मात्र ऐसे अवतार हैं, जो आज भी पृथ्वी पर जीवित हैं। दक्षिण भारत के उडुपी के पास परशुराम जी का बड़ा मंदिर है। कल्कि पुराण के अनुसार, जब कलयुग में भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि अवतरित होंगे, तो परशुराम जी ही उनको अस्त्र-शस्त्र में पारंगत करेंगे। भगवान राम से मुलाकात के बाद परशुराम जी भगवान विष्णु के अन्य अवतार से मिलेंगे।