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Som Pradosh Vrat 2023: सोम प्रदोष व्रत पर इस पूजा विधि से भोलेनाथ को करें प्रसन्न, जानिए शुभ मुहूर्त और तिथि

Som Pradosh Vrat 2023: 3 अप्रैल 2023, सोमवार को सोम प्रदोष व्रत किया जाएगा। ये व्रत भोले भंडारी की कृपा पाने के लिए सबसे अच्छा दिन है। इस दिन व्रत और पूजा पाठ करने पर आपको भोलेनाथ की असीम कृपा मिलेगी। अब चलिए आपको बताते हैं कब करना है आपको सोम प्रदोष व्रत, क्या है शुभ-मुहूर्त और पूजा विधि…

नई दिल्ली। सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। धार्मिक दृष्टि से इस दिन का खास महत्व होता है। कहते हैं अगर आपको भगवान भोलेनाथ की कृपा पानी है तो इस दिन (सोमवार) उनकी पूजा जरूर करें। साल 2023 का अप्रैल महीना शुरु हो चुका है। अगर आप भोलेनाथ को प्रसन्न करना चाहते हैं तो एक दिन बाद यानी 3 अप्रैल को आपके पास अच्छा मौका है। 3 अप्रैल 2023, सोमवार को सोम प्रदोष व्रत किया जाएगा। ये व्रत भोले भंडारी की कृपा पाने के लिए सबसे अच्छा दिन है। इस दिन व्रत और पूजा पाठ करने पर आपको भोलेनाथ की असीम कृपा मिलेगी। अब चलिए आपको बताते हैं कब करना है आपको सोम प्रदोष व्रत, क्या है शुभ-मुहूर्त और पूजा विधि…

प्रदोष व्रत 2023 तिथि कब से कब तक है

सोम प्रदोष व्रत इस साल 3 अप्रैल 20232 को सोमवार के दिन रखा जाएगा। प्रदोष के लिए त्रयोदशी तिथि 3 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 24 मिनट से शुरू हो जाएगी। जो कि अगले दिन 4 अप्रैल को सुबह 8 बजकर 5 मिनट तक रहने वाली है।

प्रदोष व्रत 2023 पर पूजा का मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार सोम प्रदोष व्रत पर पूजा का शुभ मुहूर्त 3 अप्रैल 2023 को शाम 5 बजकर 55 मिनट से शुरू होगा और 7:30 बजे तक रहेगा।

Mahashivratri 2023..

क्या है प्रदोष व्रत का महत्व

शास्त्रों में सोम प्रदोष के महत्व के बारे में बताया गया है। कहा गया है कि अगर आप इस व्रत को रखते हैं तो इससे आपको दो गायों को दान करने के बराबर पुण्य मिलता है। ये व्रत उन लोगों के लिए भी खास है जो कि चंद्र दोष का सामना कर रहे हैं। इस व्रत को करने से व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है।

Mahashivratri 2023

किस तरह से करनी है पूजा

  • अगर आपने भी सोम प्रदोष व्रत कर रहे हैं तो सुबह जल्दी उठे.
  • अब स्नान कर स्वच्छ वस्त्रों को धारण करें.
  • अब धूप, दीप, फूल, फल, बेलपत्र, गंगाजल, भांग से शिवलिंग की पूजा करें
  • अब शिवजी को सच्चे मन से याद करके ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें.